एक बार फिर किसानों ने भरी हुंकार
किसान आज हर तहसील में केंद्र सरकार के खिलाफ विश्वासघात दिवस मना रहे हैं।जिसके तहत हर जिला स्तर पर एकत्र होकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया जा रहा है।इसी कड़ी में गाजियाबाद के जिलाधिकारी कार्यालय पर बड़ी संख्या में किसान एकत्र होकर पहुंचे।जहां किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया है।इसके अलावा लोनी तहसील में भी किसान एकत्र होकर पहुंचे लेकिन तहसील में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला जिसके बाद किसानों का गुस्सा फूट गया और तहसील गेट बंद कर जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने कहा कि जब तक कोई अधिकारी उनका ज्ञापन नहीं लेता तो यहां से वह हिलने वाले नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 जनवरी को देशव्यापी जिला मुख्यालय और तहसीलों पर ज्ञापन देने की बात कही थी।आज किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन गाजियाबाद के जिला मुख्यालय पर पहुंचा।जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष विजेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे।उन्होंने सरकार पर वादाखलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तीनों कृषि कानून सरकार ने वापस ले लिए थे।इसके बाद सरकार ने किसानों से बातचीत करके कई बिंदुओं पर सहमति बन बनी थी। इतना ही नहीं 9 दिसंबर 2021 को लिखित पत्र भी भेजा गया था।पत्र में कई सहमति के बिंदु थे।पंजाब उत्तराखंड हिमाचल में मुकदमे वापस लिए गए जबकि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में नहीं लिए गए।लेकिन किसानों की वह मांगे अभी भी पूरी नहीं हो पाई हैं। इस कारण से संयुक्त किसान मोर्चा ने यह निर्णय लिया है।कि आज वह पूरे भारत में सरकार के खिलाफ विश्वासघात दिवस मनाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की मांगे पूरी नहीं की गई,तो 11 मार्च से किसान फिर से फिर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे और देश भर में सभी किसान फिर उसी तरह से आंदोलन करेंगे जिस तरह से इससे पहले एक बड़ा आंदोलन किया था।