अब दो दिन बाद होगी इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा, जल्द चुनाव कराए जाने की संभावना बरकरार
इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान खान (Imran Khan) सरकार को कुछ दिनों के लिए बड़ी राहत मिली है. आज इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर नेशनल असेंबली (National Assembly) में चर्चा होनी थी, लेकिन इससे पहले ही नेशनल असेंबली की कार्यवाही 28 मार्च सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. स्पीकर ने कहा कि एक सांसद की मौत हो गई है, इसकी वजह से संसद की कार्यवाही स्थगित की गई है. वहीं, मामले के जानकारों का कहना है कि इमरान खान अपनी सरकार को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय चाहते थे, यही वजह है कि कार्रवाई को स्थगित किया गया है.
\जिओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक अब इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को सोमवार को संसद के पटल पर रखा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली में देखने में ही इमरान खान अल्पमत में नजर आ रहे थे और उनके कई सांसद विपक्ष की बेंच पर बैठे हुए थे. अब कार्यवाही स्थगित होने के बाद इमरान खान की कोशिश रहेगी कि अगले दो दिनों में किसी तरह से अपने सहयोगी दलों और बागी सांसदों को मनाया जाए.
इमरान खान को कितने सदस्यों का है समर्थन?
इमरान खान पाकिस्तान में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. नेशनल असेंबली में कुल सदस्यों की संख्या 342 है और बहुमत का आंकड़ा 172 है. इमरान की पार्टी के पास कुल 155 सांसद हैं. यानी बहुमत से 17 कम. हालांकि PTI को 6 पार्टियों के 23 और सांसदों का समर्थन प्राप्त है, यानी इमरान सरकार के पास अभी 178 सांसदों का समर्थन है.
विपक्ष के पास कितने नंबर?
वहीं, संयुक्त विपक्ष जिसमें पूर्व PM नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो की पार्टी PML-N और PPP के कुल सांसदों की संख्या 160 है. विपक्ष को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए 172 वोटों की जरूरत है. ऐसे में विपक्ष को इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए 12 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी.
पाकिस्तान में कैसे पास होता है अविश्वास प्रस्ताव?
पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 95 के तहत प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में पेश किया जा सकता है. अविश्वास प्रस्ताव के लिए नेशनल असेंबली के कम से कम 20 फीसदी सदस्यों को एक नोटिस संसद के सचिवालय में जमा करवाना होता है. इसके बाद तीन दिन से पहले या सात दिन बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हो सकती. नेशनल असेंबली में बहुमत से इस प्रस्ताव के मंजूर हो जाने पर प्रधानमंत्री को पद छोड़ना पड़ता है.
इस वक्त नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को पास कराने के लिए 172 वोटों की जरूरत है.