अंतर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने किया रूसी फाइटर जेट प्लांट का दौरा, बढ़ने लगी अमेरिका की चिंता

सियोल : किम जोंग उन शुक्रवार को सुदूर पूर्वी रूस के कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर पहुंचे. एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के मुताबित किम यहां लड़ाकू विमान बनाने वाले संयंत्र का दौरा कर सकते हैं. एपी ने दक्षिण कोरिया की ओर से जताई गई चिंता के आधार पर यह अनुमान लगाया है. दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की रूस की यात्रा को लेकर आशंका जताई है कि यह यात्रा हथियारों की सौदे बाजी और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है. दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने कहा है कि उत्तर कोरिया रूस के हथियार प्रौद्योगिकी के बदले बने हुए हथियारों का सौदा करने वाला है. एपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर की यात्रा उत्तर कोरियाई नेता की रूस की यात्रा का एक पड़ाव है और वह यहां एक दिन रुकेंगे.

कुछ ऐसा था कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में रेलवे स्टेशन का दृश्य : एपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि किम के आगमन से पहले, कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में यातायात पुलिस ने स्टेशन के प्रवेश द्वार को एक पुलिस कार और टिकर टेप से अवरुद्ध कर दिया. इससे वहां नियमित यात्रियों को थोड़ी परेशानी हुई. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ स्थानीय लोग बालकनियों में खड़े होकर किम के काफिले को गुजरते हुए देख रहे थे. किम के काफिले के स्टेशन से निकलने के कुछ ही समय बाद, रूसी राष्ट्रीय वेशभूषा और हेडड्रेस में महिलाओं के एक समूह को जो संभवत: एक स्वागत दल का हिस्सा रही होंगी स्टेशन से निकलते हुए देखा गया.

करीब सात घंटे बंद रहीं सड़कें : स्थानीय टेलीग्राम चैनलों के अनुसार, स्टेशन को फूल से सजाया गया था. स्थानीय समय के अनुसार, शुक्रवार को सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक सड़कों को बंद रखा गया था. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इसी दौरान उत्तर कोरियाई नेता की कार शहर से गुजरी. एक टेलीग्राम चैनल ने एक मैप साझा किया था जिसमें बंद किये गये सड़कों की जानकारी थी. इस मैप में वह इलाका भी था जहां कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर विमान संयंत्र स्थित है.

पुतिन से हुई मुलाकात, फिर गुरुवार को छाया रहा सन्नाटा : इससे पहले किम जोंग उन उत्तर कोरिया से बख्तरबंद ट्रेन में सवार होकर वह मंगलवार को रूस पहुंचे. जहां सबसे से पहले रूस-उत्तर कोरिया सीमा के पास एक स्टेशन पर अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. रूस की उत्तर की ओर लंबी ट्रेन ट्रेन यात्रा के बाद, बुधवार को उन्होंने वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. पुतिन ने 40 सेकंड तक हाथ मिला कर उनका स्वागत किया. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार के उनके क्या कार्यक्रम रहे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. एपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि गुरुवार को, वह काफी हद तक दृश्य से गायब रहे. शुक्रवार को स्थानीय समय के अनुसार वह अचानक फिर से नजर आये जब उनका काफिला कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर स्टेशन से बाहर पहुंचा.

कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर की यात्रा के बाद कीम करेंगे व्लादिवोस्तोक का रूख : शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन ने रूसी राज्य टीवी को बताया कि किम कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर की यात्रा करेंगे. जहां वह एक विमान संयंत्र का दौरा करेंगे. फिर रूस के प्रशांत बेड़े, एक विश्वविद्यालय और अन्य सुविधाओं को देखने के लिए व्लादिवोस्तोक जाएंगे. एपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में विमान संयंत्र की यात्रा संभवतः इस बात का संकेत है कि किम यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को तैयार हथियार देने के बदले उनसे क्या हासिल करना चाहते हैं.

दक्षिण कोरिया ने जताई चिंता : इधर, दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री किम युंग-हो ने चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच संभावित हथियारों के समझौते को दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा. बता दें कि रूस, चीन और उत्तर कोरिया के बीच रिश्तों में बढ़टी गर्माहट का सामना करने के लिए अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने हाल के दिनों में सैन्य सहयोग में काफी इजाफा किया है.

अमेरिका की चिंता, उत्तर कोरिया के सैन्य परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ेगा खतरा : इस बीच अमेरिका ने भी आशंका जताई है कि किम और पुतिन की मुलाकात का उद्देश्य हथियारों की सौदेबाजी है. अमेरिका ने कहा है कि मास्को गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए किम के साथ कोई समझौता करने वाला है. अमेरिका ने दक्षिण कोरिया की उन चिंताओं को जायज ठहराया है जिसमें दक्षिण कोरिया की ओर से कहा गया है कि उत्तर कोरिया को बदले में रूस से उन्नत हथियार प्रौद्योगिकियां प्राप्त होंगी. जिनमें सैन्य जासूसी उपग्रहों से संबंधित तकनीकें भी शामिल होंगी. जिससे किम के सैन्य परमाणु कार्यक्रम को लेकर खतरा और बढ़ जायेगा.

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने जताया खेद : दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिम सू-सुक ने गुरुवार को अपनी चिंतायें व्यक्त की. उन्होंने कहा कि खेद व्यक्त करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बार-बार चेतावनी के बावजूद, उत्तर कोरिया और रूस ने अपने शिखर सम्मेलन के दौरान उपग्रह विकास सहित सैन्य सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच ऐसा कोई भी समझौता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के खिलाफ होगा, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियारों और मिसाइल के विकास में मदद करने वाली उपग्रह प्रणाली या विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सहयोग की बात होगी.

किम के साथ गये प्रतिनिधि मंडल पर उठाये सवाल : लिम ने मीडिया को बताया कि रूस की यात्रा के दौरान किम के साथ गये प्रतिनिधिमंडल में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनपर उत्तर कोरिया में अवैध हथियार तैयार करने की गतिविधियों में शामिल होने की आशंका में सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध लगा रखा है. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि मंडल में कोरियाई पीपुल्स आर्मी मार्शल री प्योंग चोल और सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारी जो चुन योंग शामिल हैं, जो युद्ध सामग्री नीतियों को संभालते हैं.

सियोल और मास्को के बीच संबंधों में नकारात्मक प्रभाव : लिम ने कहा कि रूस को यह समझना चाहिए कि उत्तर कोरिया के साथ बढ़ती नजदिकियों के कारण दक्षिण के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के कारण सियोल और मास्को के बीच संबंधों में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

अमेरिका का धमकी भरा लहजा : इससे पहले व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी भी बुधवार को कह चुके हैं कि यदि उत्तर कोरिया रूस को हथियारों की आपूर्ति करता है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे. किर्बी ने कहा कि पृथ्वी पर किसी भी देश को या व्यक्ति को पुतिन की मदद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि वह निर्दोष यूक्रेनियनों को मार रहे हैं. उन्होंने कहा, अगर रूस और उत्तर कोरिया हथियार सौदे के साथ आगे बढ़ते हैं तो अमेरिका अपने हिसाव से व्यवस्था का आकलन करेगा और इससे निपटने के लिए उचित तरीके अपनायेगा.

रूस और उत्तर कोरिया की मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर सवाल : एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में किम की यात्रा और दोनों देशों के बीच हो रहे समझौतों और बातचीत के बारे में जानकारी का एक मात्र जरिया सरकार नियंत्रित रूसी और उत्तर कोरियाई मीडिया ही है. एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूं तो रूसी मीडिया ने किम की यात्रा और पुतिन से उनकी मुलाकात का गहन कवरेज किया लेकिन गुरुवार को किम कहां थे, उन्होंने किन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया इस बारे में काफी हद तक चुप थे. जबकि उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया इस बारे में एक दिन के बाद ही रिपोर्ट जारी कर रहा है. एपी ने लिखा कि उत्तर कोरिया की राज्य मीडिया की ओर जारी की जा रही खबरें आम तौर से किम की नीतियों का समर्थन करने वाली हैं.

किम ने पुतिन को दिया उत्तर कोरिया आने का निमत्रण : एपी ने लिखा कि उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि किम ने पुतिन को सुविधाजनक समय पर उत्तर कोरिया आने का निमंत्रण दिया है. पुतिन ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया और राष्ट्रों के बीच दोस्ती के इतिहास को हमेशा आगे बढ़ाने की अपनी इच्छा का इजहार किया.

किम ने जताई रूस के प्रति वफादारी, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया समर्थन का वादा : क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की कि पुतिन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. पेसकोव ने कहा कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के अक्टूबर में उत्तर कोरिया का दौरा करने की उम्मीद है. पेसकोव ने रूसी मीडिया को बताया कि बुधवार को सुदूर पूर्व में रूस के अंतरिक्ष बंदरगाह पर अपनी बैठक के दौरान, किम ने हर कीमत पर पुतिन का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि किम ने यूक्रेन युद्ध के स्पष्ट संदर्भ में रूस के संप्रभु अधिकारों, सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए लड़ाई में अपना समर्थन व्यक्त किया है.

किम के मन में क्या है, टटोल रहे हैं विश्लेषक : एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में मुलाकात के फैसले से पता चलाता है कि किम सैन्य टोही उपग्रह विकसित करने में रूसी मदद मांग रहे हैं. उन्होंने पहले कहा है कि वे उनकी परमाणु-सक्षम मिसाइलों की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. उत्तर कोरिया लगातार जासूसी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा है. कुछ विश्लेषकों का सवाल है कि क्या रूस, जिसने हमेशा अपनी संवेदनशील हथियार प्रौद्योगिकियों की बारीकी से रक्षा की है, उन्हें उत्तर कोरिया के साथ साझा करने के लिए तैयार होगा, जिसके बदले में उसे हथियारों की सीमित आपूर्ति हो सकती है.

पुतिन के कहा- हम पड़ोसियों को मानवीय सहायता दे रहे हैं : विश्लेषकों का मानना है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग ज्यादातर पारंपरिक क्षमताओं के बारे में होगा. जैसे कि रूस संभवतः उत्तर कोरिया को वायु सेना को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. बता दें कि उत्तर कोरिया की वायु सेना अभी भी 1980 के दशक में सोवियत संघ द्वारा भेजे गए लड़ाकू विमानों पर निर्भर है. पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि रूस और उत्तर कोरिया के पास परिवहन और कृषि जैसे क्षेत्रों में कई दिलचस्प परियोजनाएं हैं. उन्होंने कहा कि मॉस्को अपने पड़ोसी को मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है.

हथियार खरीदने पर रोक लगाने वाले प्रतिबंधों का पालन : हालांकि, पुतिन ने सैन्य सहयोग के बारे में बात करने से बचते हुए केवल इतना कहा कि रूस उत्तर कोरिया से हथियार खरीदने पर रोक लगाने वाले प्रतिबंधों का पालन कर रहा है. बता दें कि बुधवार को पुतिन और किम की बैठक से कुछ घंटे पहले ही उत्तर कोरिया ने समुद्र की ओर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी. उत्तर कोरिया ने 2022 के बाद से ही बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण में काफी तेजी विस्तार किया है. माना जा रहा है कि किम युक्रेन युद्ध का इस्तेमाल रूस को अपने यहां तैयार हथियार बेचने के लिए करना चाहते हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights