नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 22 मई तक गिरा दिए जाएंगे ट्विन टावर
Supertech Twin Towers : नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में 40 मंजिला ट्विन टावरों को गिराने का काम शुरू हो गया है और 22 मई तक तोड़फोड़ का काम पूरा कर लिया जाएगा।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच को यह भी सूचित किया गया कि मैसर्स एडिफिस द्वारा 22 अगस्त तक पूरे मलबे को साइट से हटा दिया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ वकील रवींद्र कुमार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 7 फरवरी के कोर्ट के आदेश के अनुसार, 9 फरवरी को सभी हितधारकों की एक बैठक आयोजित की गई थी, जहां यह निर्णय लिया गया था कि 20 फरवरी तक मैसर्स एडिफिस (विध्वंस कार्य करने के लिए चुनी गई फर्म) मजदूर, सामग्री और मशीनें साइट पर जुटाएगी और नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार सभी गतिविधियों को शुरू और पूरा करेगा।
22 मई को या उससे पहले ट्विन टावरों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और केवल अप्रत्याशित घटनाओं की स्थिति में तिथियों को बदला जा सकता है, लेकिन यह अदालत की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के बाद किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट को आगे सूचित किया गया।
वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है और काम से संबंधित तस्वीरें स्टेटस रिपोर्ट के साथ संलग्न की गई हैं।
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि अदालत को इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि साइट पर तोड़फोड़ शुरू हो गई है। नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के साथ-साथ अन्य अधिकारियों सहित सभी संबंधित हितधारक काम समय पर पूरा होने के लिए स्टेटस रिपोर्ट में इंगित समय सारिणी का सख्ती से पालन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण से अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट की मांग करते हुए मामले को 17 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को दो सप्ताह के भीतर नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का काम शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था।
क्या था मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर 2021 को सुपरटेक लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण इमारतों को ध्वस्त करने के अपने पूर्व के निर्देश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 के अपने फैसले में अवैध इमारतों को तोड़ने के साथ ही फ्लैट खरीदारों को उनकी पूरी रकम लौटाने करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने नोएडा के टी-16 (एपेक्स) और टी-17 (सेयेन) ट्विन टावर्स के निर्माण में नोएडा प्राधिकरण और रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के अधिकारियों की “नापाक मिलीभगत” के लिए उन पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया था।