गेमिंग एप की आड़ में करोड़ों की ठगी, देशभर में फैला नेटवर्क

लूडो, कैरम और फुटबॉल जैसे गेमों के बहाने लोगों से सट्टा खिलवाकर रोज़ाना वसूले जाते थे 30 लाख रुपये
दिल्ली एनसीआर। देहरादून से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसकी कमान दुबई में बैठे मास्टरमाइंड चंदन के हाथों में है। वह वहां से भारत में फैली अपनी टीम को लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से रिमोटली कंट्रोल करता है। खास बात यह है कि उसके पास सभी उपकरणों का पूरा एक्सेस है और वह हर गतिविधि पर नजर रखता है। ग्रेटर नोएडा शाखा में इसका संचालन विशाल और ध्रुव नाम के दो युवक कर रहे थे, जो कुछ माह पहले ही थाईलैंड जाकर ठगी का प्रशिक्षण लेकर लौटे थे। लौटने के बाद उन्होंने अन्य युवाओं को प्रशिक्षण देकर इस अवैध धंधे में शामिल किया।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर यह गिरोह युवाओं को “ऑनलाइन नौकरी” का लालच देकर फंसाता था और फिर उन्हें गेमिंग एप्स के जरिए सट्टेबाज़ी के काम में लगा देता था। गिरोह की पकड़ इतनी मजबूत थी कि एनसीआर क्षेत्र में करीब 20 अलग-अलग टीमें सक्रिय थीं, जो लूडो, कैरम, कैंडी क्रश, फुटबॉल और कबड्डी जैसे लोकप्रिय खेलों की आड़ में लोगों से ठगी कर रही थीं। हर टीम में 4–5 सदस्य होते थे और सट्टा लगाने के लिए लोगों को खास आईडी दी जाती थी, जिससे वे एप पर खेल में हिस्सा लेते थे। जब पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के राधा स्काई गार्डन में छापा मारा, तो विशाल मौके से फरार हो गया क्योंकि उसे फ्लैट में लगे कैमरे से नोटिफिकेशन मिल गया था।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि गिरोह प्रतिदिन लगभग 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करता था। ध्रुव, मुकीम, विशाल कुमार और सन्नी जैसे आरोपी विज्ञापन के जरिए अपने व्हाट्सएप नंबर शेयर करते थे, जिस पर सट्टा खेलने के इच्छुक लोग कॉल करते थे। इसके बाद उन्हें एक यूज़र आईडी दी जाती थी और उस आईडी के जरिए वे गेम खेलते हुए सट्टा लगाते थे। कमाई हुई रकम सीधे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की जाती थी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।