फतेहपुर में मां-बेटी ने लगाया मौत को गले, वजह ऐसी कि सोचन पर कर दे मजबूर
थानाक्षेत्र के आंबी गांव निवासी गया प्रसाद पाल शराब का लती है। उसकी पत्नी आशा देवी (47) कृषि और मजदूरी कर सीमा (16) और चार बेटों का गुजर-बसर करती थी। गया प्रसाद के पिता रामसहांय ने बताया कि शाम को बहू और पौत्री सीमा खाने के बाद अंदर कमरे में सोये थे। वह पत्नी रामरती और पौत्रों के साथ बाहर छप्पर के नीचे सोये थे।
बेटा गया प्रसाद मैदान में सो रहा था। रामरती की सुबह नींद खुली। बहू और पौत्री कमरे से बाहर नहीं निकले। कमरे में दो दरवाजे लगे हैं। आगे का दरवाजा अंदर से बंद था, तभी रामरती पीछे के दरवाजे से पहुंची। बहू और पौत्री को फंदे पर लटका देखकर वह चीख पड़ी। परिजन दौड़कर पहुंचे।
ग्रामीणों की भीड़ लग गई। दोनों धन्नी पर रस्सी के एक फंदे से लटकी हुई थी। प्लास्टिक की कुर्सी और बाल्टी लुढ़की पड़ी थी। पुलिस ने अंदाजा लगाया कि फांसी लगाने के बाद पैर से कुर्सी और बाल्टी को धक्का देकर गिरा दिया, जिससे दोनों की मौत हो गई। मृतका की विवाहित बड़ी बेटी सुमन पहुंची।
गले पर रस्सी के फंदे का निशान मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पति गया प्रसाद को हिरासत में लिया गया है। उसने घरेलू बातों को लेकर वाद-विवाद रात को होना बताया है। जिसके बाद पत्नी और बेटी कमरे में चली गई थी। वह भी सोने चला गया था।