मंत्री नंद गोपाल नंदी एससी/एसटी एक्ट के मुकदमे में दोषी करार, MP-MLA कोर्ट ने सुनाई सजा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता को 9 साल पुराने मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बुधवार को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने नंदी को एक साल की जेल और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. यह सुनवाई कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ साल 2014 में दायर दो धाराओं 147 और 323 के तहत की है. दरअसल, तीन मई साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रयागराज के थाना मुट्ठीगंज में नंद गोपाल गुप्ता पर मुकदमा दर्ज हुआ था. आरोप था कि नंदी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह पर जानलेवा हमला किया था. उस दौरान नंदी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी रण में थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नंदी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में बताया गया कि नंदी ने अपने समर्थकों को सपा समर्थकों पर हमला करने के लिए उकसाया था, जिसके चलते सपा समर्थकों पर लाठी-डंडों से नंदी के समर्थकों ने जानलेवा हमला किया. घटना में कई सपा समर्थक जख्मी भी हुए थे. जिसके बाद रेवती रमण सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था.
नहीं जाएगी विधानसभा की सदस्यता
आपको बता दें कि नंद गोपाल नंदी को एक साल की सजा हुई है. इस लिहाज से उनकी विधानसभा की सदस्यता नहीं रद नहीं होगी. दरअसल, दो साल या उससे अधिक साल के कारावास पर ही नियमता विधानसभा की सदस्यता हो सकती है. यदि नंदी को एक साल से अधिक वर्ष की सजा होती तो उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खतरे में पड़ सकती थी.
2007 में राजनीति में रखा था कदम
आपको बता दें कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी का जन्म 23 अप्रैल 1974 को प्रयागराज के बहादुरगंज मोहल्ले में हुआ था. उनका बचपन काफी चुनौतियों से भरा रहा. पिता डाक विभाग में फोर्थ क्लास के कर्मचारी थे. बचपन में मिठाई बेचकर पिता का हाथ बंटाते थे. कुछ समय बाद इंदौर गए और अनाज के व्यवसाय से जुड़ गए. वापस प्रयागराज लौटे तो अपना व्यापार प्रारंभ किया. साल 2007 में बीएसपी के टिकट के साथ राजनीति में कदम रखा. लगातार तीन बार कैबिनेट मंत्री चुने गए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर योगी कैबिनेट में जगह बना ली.