ABG शिपयार्ड के पूर्व CMD सहित 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, CBI का एक्शन
नई दिल्ली। मामला दर्ज करने में देरी के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) से जुड़े देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच तेज कर दी है। करीब 23 हजार करोड़ रुपये के इस बैंक घोटाले में CBI ने कंपनी के पूर्व चेयरमैन और सीएमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल तथा आठ अन्य लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। लुक आउट नोटिस किसी आरोपित को देश से भागने से रोकने के लिए जारी किया जाता है।
CBI ने 28 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन अग्रवाल तथा अन्यों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एजेंसी ने कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को भी आरोपित बनाया है। बैंकों के कंसोर्टियम की तरफ से नवंबर 2019 में इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
एजेंसी का कहना है कि सभी आरोपी देश में ही हैं। CBI के मुताबिक, SBI की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत में फॉरेंसिक ऑडिट के आधार पर धोखाधड़ी की अवधि 2012-17 बताई गई है। लेकिन, मामले की जांच में पता चला है कि कंपनी की तरफ से बैंकों से मिले कर्ज के साथ असल गड़बड़ी 2005 से 2012 के बीच की गई थी। इसी अवधि में बैंकों से कंपनी को ज्यादातर कर्ज भी मिला था।
2013 में पहली बार एनपीए हुआ था बैंक का खाता
एबीजी शिपयार्ड ने आइसीआइसीआइ बैंक के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम से 22,842 करोड़ रुपए का लोन लिया था। धीरे-धीरे उसने लोक चुकाना बंद कर दिया, जिसके बाद बैंकों की तरफ से उसके लोन खाते को 30 नवंबर, 2013 को एनपीए कर दिया गया था। उसके बाद भी बैंकों की तरफ से कंपनी को उबारने की कोशिश की गई। उसके खाते को सीडीआर प्रणाली के तहत 27 मार्च, 2014 को पुनर्गठित भी किया गया। हालांकि, इसके बावजूद भी हालात नहीं बदले तो बैंकों ने उसके खाते को दोबारा 2016 में एनपीए घोषित कर दिया, जो 30 नवंबर, 2013 से ही प्रभावी माना गया।
सबसे ज्यादा आइसीआइसीआइ बैंक का पैसा फंसा
कंपनी पर बकाए कर्ज में सबसे ज्यादा आइसीआइसीआइ बैंक का 7,089 करोड़ फंसा है। इसके अलावा आइडीबीआइ बैंक का 3,634 करोड़, एसबीआइ का 2,925 करोड़, बैंक आफ बडौदा का 1,614 करोड़ और पीएनबी का 1,200 करोड़ कर्ज है।
12 फरवरी को 13 जगह की थी छापेमारी
इस मामले की जांच के सिलसिले में CBI ने 12 फरवरी को देश की 13 जगहों पर आरोपितों के ठिकानों पर छापे मारे थे। इसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे, जिनकी पड़ताल चल रही है।