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बहराइच में तेंदुए ने मचाया आतंक, ग्रामीणों पर किया हमला…महिला सहित 5 लोग घायल

बहराइच: एक ही समय पर तेंदुए ने आधा दर्जन से अधिक लोंगों को घायल कर दिया है। दो दिन पूर्व भी तेंदुए के हमले से तीन लोग घायल हो चुके हैं। गुरुवार सुबह जब महिला शौच के लिए गई तो तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया जब महिला को बचाने और तेन्दुए को भगाने लोग पहुँचे तो भग-दौड़ में आधे दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं, चार की हालत गम्भीर बताई जा रही है। तेंदुआ अभी भी एक घर मे छिपा हुआ है जिसे जाल से घेर दिया गया है। जिसको वहाँ से निकालने के लिए तीन टीमें लगा दी गई हैं।

कतर्नियाघाट के चहलवा में घर मे छिपे तेंदुए को निकालने के लिए घण्टों से रेस्क्यु कार्यक्रम चल रहा है। रेस्क्यू में वन विभाग की सरकारी हथनी जयमाला और चम्पा कली को भी लगाया गया है। घटना स्थल पर पुलिस, विश्व प्रकृति निधि और वन विभाग की टीम के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए हैं। जिनके कारण भी रेस्क्यू के कार्य मे दिक्कतें आ रही हैं।

अकेले न निकलें ग्रामीण

प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि चार लोंगों को तेंदुए ने घायल किया जिनके इलाज हेतु घायलों को दुधवा टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की तरफ से 5-5 हज़ार रू की सहायता कर दी गई है। श्री बधावन आगे ने बताया कि पेट्रोलिंग के लिए दो टीमें बना दी गई हैं तथा लोंगों को सलाह दी जाती है कि वह शाम के समय इस इलाके के पास अकेले न जाएं। वहीं विश्व प्रकृति निधि वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने बताया की संस्था की तरफ से 10-10 हज़ार की सहायता की जा रही है।

क्यों बाहर आ रहा तेंदुए

काफी लम्बे समय से वन्यजीवों के बीच काम कर रहे दबीर हसन ने बताया कि मार्च-अप्रैल तक गन्ना कट जाने के कारण यह जानवर इस समय गेहूँ के खेतों में रहने लगते है और जब उनके सामने इंसान पड़ जाता तो वह अपनी सुरक्षा में उन पर हमला कर देते हैं। इस दौरान ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। जब गेंहूँ कट जाएगा तो यह जंगल चले जाएंगे और जब गन्ना बड़ा हो जाएगा तो यह फिर गन्ने के खेतों में आ जाएंगे क्योंकि यह गन्ने को घास समझकर उसको अपना आवास बना लेते हैं।

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