जानिए कैसे CM योगी की एक रैली ने दूर कर दी लाखों गुर्जरों की नाराजगी, खूब जमकर बरसे वोट
नोएडा। विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सम्राट मिहिर भोज प्रकरण नहीं चल सका। गुर्जरों ने इस मुद्दे को किनारे कर भविष्य की चिंता करते हुए कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दे पर बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नकुड, गंगोह, बागपत, लोनी, जेवर, देवबंद आदि कई ऐसी सीट जिन पर गुर्जर निर्णायक स्थिति में हैं, वहां भाजपा प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहे। बीते 22 सितंबर को जिस दादरी विधान सभा क्षेत्र में यह प्रकरण हुआ था, उसके अधिकांश गुर्जर बहुल गांवों में भी भाजपा प्रत्याशी तेजपाल नागर को खूब वोट मिले। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा ने सात गुर्जरों को टिकट दिए थे। इनमें से पांच प्रत्याशी जीत हासिल करने में कामयाब रहे।
दो सीटों पर कड़े मुकाबले में गुर्जर प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें कैराना सीट से गुर्जरों के बड़े नेता रहे बाबू हुकुम सिंह की बिटिया मृगांका सिंह भी शामिल है। उन्होंने गुर्जर बहुल गांवों में सर्वाधिक वोट हासिल किए। उन्हें मिले 1,05,148 वोट इस बात का गवाह है कि गुर्जरों ने मिहिर भोज प्रकरण को किनारे कर भाजपा को वोट दिया।
इसी तरह मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधान सभा सीट पर भाजपा के प्रशांत गुर्जर को करीब 80 हजार वोट मिले। वह सपा-रालोद गठबंधन के चंदन चौहान गुर्जर से करीब 27 हजार मतों से पराजित हुए।
लोनी से भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर, दक्षिण मेरठ से सोमेंद्र तोमर, सहारनपुर की गंगोह से कीरत सिंह गुर्जर व नकुड से गुर्जर बिरादरी के मुकेश चौधरी जीतने में कामयाब रहे।
बागपत में गुर्जरों का वोट भाजपा को मिलने के कारण पार्टी प्रत्याशी योगेंद्र धामा विजयी हुए। इसके अलावा मुजफ्फनगर की देवबंद, सहारनपुर देहात, रामपुर मनीहारन, हस्तिनापुर, हसनपुर, गढ़, जेवर, नोएडा, सिकंद्राबाद आदि सीटों पर गुर्जर बड़ी संख्या में हैं। इन सीटों पर भी भाजपा प्रत्याशी विजयी रहे।
बताया जाता है कि इनमें गुर्जरों का वोट भाजपा को गया। जेवर का दनकौर ब्लाक गुर्जर बहुल है। यहां से भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने दस हजार से अधिक की बढ़त बनाई। धीरेंद्र सिंह भी 56 हजार से अधिक वोटों से जीते।
दादरी से तेजपाल नागर तो एक लाख 38 हजार रिकार्ड मतों से जीते। हालांकि, सरधना विधानसभा सीट पर गुर्जरों ने भाजपा के संगीत सोम के बजाय सपा के अतुल प्रधान को वोट देकर विजयी बनाया।
क्या था मिहिर भोज प्रकरण
बीते 22 सितंबर को दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनावरण किया था। अनावरण से पहले प्रतिमा से गुर्जर हटा दिया गया। इससे देशभर के गुर्जर भड़क गए और उन्होंने भाजपा के प्रति नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, बाद में भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर ने प्रतिमा पर गुर्जर लिख दिया।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी के बाद ही प्रतिमा पर गुर्जर लिखा गया। इसके बाद लोगों ने इस प्रकरण का पटापेक्ष मानकर भाजपा को वोट दिया है। गौतमबुद्ध नगर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनोज भाटी का कहना है कि गुर्जरों ने भविष्य के लिए भाजपा को वोट दिया है।
प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दे पर वोट पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि गुर्जरों की भी विकास में भागीदारी हो, इसलिए गुर्जरों ने भविष्य की चिंता करते हुए भाजपा को वोट दिया है। बागपत जैसी जाट बहुल सीट पर गुर्जरों के वोट के कारण भाजपा जीती है।