जाली वारंट के खेल में उलझी कानपुर पुलिस, आरोपी को कोर्ट लेकर पहुंची तो खुला राज
कानपुर: कानपुर में गोविंद नगर थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती के रहने वाले सोनू राठौर के घर जब पुलिस वारंट लेकर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर कोर्ट ले गई तो ऐसा मामला सामने आया, जिससे पुलिस से लेकर जज तक चौक गए. दरअसल वारंट पर गिरफ्तार सोनू के खिलाफ वारंट ही फर्जी निकला. जज ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला
जब पुलिस सोनू राठौर को अपर जिला जज 14 मुकदमा संख्या 566 सन 2021 धारा 307 आईपीसी थाना कल्याणपुर सरकार बनाम सोनू राठोर वारंट पर गिरफ्तार कर कोर्ट लाई, तब जिला जज अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा की अदालत में जानकारी से पता चला कि इस नाम की कोई फाइल न्यायालय में नहीं चल रही है और ना ही सोनू के नाम का कोई वारंट जारी हुआ है. मुकदमा संख्या की जानकारी करने से पता चला इस नंबर की फाइल अपर जिला जज 26 की अदालत में चल रही है, जिसमें धारा 306 थाना महाराजपुर से संबंधित है और इसमें आरोपी का नाम विपिन उर्फ नवाब है.
निजी मुचलके पर कोर्ट ने किया रिहा
फर्जी वारंट जारी होने का मामला सामने आते ही सोनू को निजी मुचलके पर कोर्ट ने रिहा कर दिया. लेकिन मामले की जांच शुरू की गई तो पता चला की वारंट कार्यालय लिपिक ने तैयार नहीं किया है ना राइटिंग ही मिल रही है और ना ही हस्ताक्षर मिले. यहां तक वारंट पर जज के हस्ताक्षर और न्यायालय की मुहर भी फर्जी लगी थी. एडीजीसी विनोद त्रिपाठी ने बताया की फर्जी गिरफ्तारी वारंट 22 दिसंबर 2022 को जारी किया गया.
ऐसे हुआ खुलासा
फर्जी वारंट बनवाने वाले शातिर ने कचहरी और कोर्ट के शीतकालीन अवकाश के पहले वारंट तैयार किया. जिससे सोनू की अगर गिरफ्तारी पहले हो जाती तो उसे जेल भेज दिया जाता लेकिन सोनू की किस्मत अच्छी होने के कारण पुलिस ने उसे शीतकालीन अवकाश के बाद गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. जिसकी वजह से फर्जी वारंट का खुलासा हुआ और वह जेल जाने से बच गया.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस मामले पर अब कई स्तर की जांच पड़ताल के बाद 10 जनवरी 2023 को एडीजे 14 कोर्ट के रीडर शरद कुमार चौरसिया ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाना कोतवाली कानपुर में तहरीर दे दी है, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.अपनी तरह के इस अलग मामले को पुलिस गम्भीरता से ले रही है. मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच को लगाया गया है.