UP की 4 मीट कंपनियों पर IT की 4 दिन चली छापेमारी, 1000 करोड़ कैश बरामद
उत्तर प्रदेश में हाल ही में आयकर विभाग की छापेमारी से बड़े पैमाने पर हड़कंप मचा था. इनकम टैक्स विभाग की रेड में कई चमड़ा कंपनियों, मेटल कारोबारी औऱ अन्य कारोबारी चपेट में आए थे. इस इनकम टैक्स विभाग की रेड में 1200 करोड़ रुपये के काले धन का पता चला है. जबकि 1000 करोड़ रुपये की हेरफेर खातों के जरिये की गई.
आयकर विभाग लखनऊ ने मीट उत्पादक और निर्यातक कंपनियों पर रेड डाली थी, जो चार दिनों तक चली थी. आयकर विभाग के बयान के अनुसार, 1200 करोड़ रुपये के कालाधन का पता लगा है, इसमें से 1000 करोड़ कैश विभिन्न डमी बैंक एकाउंट्स से निकाला गया है ,जिसका हिसाब कंपनी मलिक नहीं दे पाये,कंपनी मालिकों ने 1000 करोड़ की गड़बड़ी स्वीकार की.
1. रुस्तम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (लखनऊ उन्नाव के बीच कारखाना)
Rustam Foods private Limited , of mr.Mohammed Saleem , Lucknow-Unnao.
2. अल सुमामा एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (बरेली)
Al Sumama Agro Foods Pvt Ltd, Bareilly,
3. रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्रा.लि. बरेली
Rehber Food Industries Pvt ltd, Bareilly,
4. मार्या फ्रोजेन एग्रो फूड प्रोडक्ट्स प्रा.लि.
Marya Frozen Agro Food Products Pvt ltd, of Mohammed Salim Qureshi, Bareilly.
आयकर विभाग ने हाल ही में लखनऊ उन्नाव के बीच कई कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी को इतना गोपनीय रखा गया था कि आसपास पुलिस को भी भनक रेड पड़ने तक नहीं लग पाई. कंपनियों को अंदर से बंद करवाकर दस्तावेजों को खंगाला गया था. कर्मचारियों को भी मोबाइल का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी गई थी. करीब चार दिनों तक तमाम दस्तावेजों को खंगाला गया था. इसके बाद वित्तीय अनियमितता औऱ कर चोरी का खुलासा हो पाया था.
आयकर विभाग ने हाल ही में लखनऊ उन्नाव के बीच रहमान ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. इसमें भी बड़े पैमाने पर काली कमाई का पता चला था.रहमान इंडस्ट्रीज पर आईटी रेड में 60 करोड़ की काली कमाई पकड़ी गई थी. 60 लाख की नकदी और 60 लाख के जेवरात भी बरामद किए गए थे. आवश्यक कागज न दिखा पाने पर आईटी विभाग के कर्मियों ने इसे जब्त किया था. मुनाफे और आय में भी बड़ी खामियां पाई गई थीं.. सूत्रों ने जानकारी दी थी कि रहमान ग्रुप के लेजर बुक में कर चोरी संबंधी गड़बड़ी मिली थी. कंपनी का यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में भी 110 करोड़ से ज्यादा का निवेश था, लेकिन इसका पूरी तरह से खुलासा नहीं किया गया था.