Go First की दिवाला कार्यवाही विमानन क्षेत्र के लिए अच्छी बात नहीं: Jyotiraditya Scindia
नई दिल्ली। गो फर्स्ट एयरलाइन दिवालिया घोषित होने की कगार पर पहुंच चुका है। इंजन संबंधी समस्याओं के चलते कंपनी की आमदनी प्रभावित हुई है। जिसके चलते उसे सभी उड़ाने रद्द करनी पड़ी थी। वहीं, इस मामले में भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि गो फर्स्ट का दिवालिया प्रक्रिया में जाना देश के एविएशन सेक्टर के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल्द से जल्द गो फर्स्ट की फ्लाइट्स को फिर से शुरू करना चाहता है।
‘एविएशन सेक्टर के लिए ठीक नहीं’
सिंधिया ने एक कार्यक्रम के बाद गो फर्स्ट संकट पर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि निश्चित रूप से यह ऐसा घटनाक्रम है जो एविएशन सेक्टर के लिए अच्छी बात नहीं है। प्रत्येक कंपनी को अपने मामले स्वयं निपटाने होते हैं। जहां तक मंत्रालय का संबंध है तो हम एविएशन कंपनियों की मदद के लिए तैयार हैं।
तीन मई से बंद हैं गो फर्स्ट की सेवाएं
प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की समस्या के कारण कई फ्लाइट्स के खड़े होने के सवाल पर सिंधिया ने कहा, हमने इंजन मैन्यूफैक्चरर्स को बताया है कि हमें अपनी फ्लाइट्स को उड़ाने के लिए उनकी आवश्यकता है। नकदी के संकट से जूझ रही गो फर्स्ट का संचालन तीन मई से बंद है। कंपनी ने ऐलान किया है कि वह अपने ऑपरेशन 26 मई तक तक बंद रहेगा।
एनसीएलटी ने स्वीकार की दिवालिया याचिका
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 10 मई को कंपनी की ओर से दायर की गई स्वैच्छिक दिवालिया याचिका को स्वीकार कर लिया था। कुछ विमान पट्टेदारों ने एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का रुख किया है। दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाने के बाद से कई विमान पट्टेदार कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) से अपने 45 विमानों की सूचीबद्धता खत्म कर वापस लेने की मांग रखी है। इस मामले पर 15 मई को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 22 मई अगला फैसला दिया जाएगा।