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विमान लैंडिंग तकनीक में भारत की नई उड़ान, खराब मौसम में भी आसानी से उतारे जा सकेंगे विमान, एएआई ने इसरो के साथ बनाया नया सिस्टम

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएसआई) ने इस नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक से एशिया उप महाद्वीप में पहला और सफल ट्रायल गुरुवार को किया और इंडिगो एयरलाइंस के विमान को बतौर ट्रायल किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उतारा। इस विमान वाटर सेल्यूट दिया गया। साथ ही सफलतापूर्वक रहे ट्रायल पर एयरलाइंस के अधिकारियों और एयरपोर्ट प्रबंधन सदस्यों ने खुशियां मनाई।

विमानपत्तन निदेशक के अनुसार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के नवीनतम तकनीक (गगन बेसड एलपीवी एप्रोच) का यह देश का पहला सफलतापूर्वक ट्रायल किशनगढ़ एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस की ओर से किया गया।

यह तकनीकी लॉकोलाइजर परर्फोमेंस विद वरटिकल गाइडेंस (एसपीवी) पूर्णतया गगन पर आधारित है। इसमें खराब मौसम एवं कम विजिविलिटी कंडिशन में पूर्णत: एक्यूरेसी के साथ विमानों का संचालन किया जा सकेगा।

आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम

डायरेक्टर बी.एस. मीणा ने बताया कि भारतीय नागरिक उड्यन के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूती से बढ़ते कदम हैं। भारत संयुक्त राज्य अमरीका और जापान के बाद अपनी एसबीएएस प्रणाली रखने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। गगन नागरिक उड्यन के लिए गेम चेंजर साबित होगा, जो हवाई क्षेत्र के आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर होगा। इससे विमानों की उड़ानों में होने वाली देरी, उड़ान सुरक्षा में सुधार और ईंधन की बचत भी होगी।

जीपीएस सिस्टम पर आधारित

यह आधुनिक तकनीक टैम्परेचर इंडिपेंडेंट है यानी इससे दुर्गम एयरपोर्ट पर भी विमान का संचालन संभव होगा। वर्तमान की सभी फ्लाइट को ग्राउंड बेस्ड इक्यूप्मेंट जैसे कि वीओआर, आईएलएस, डीएमई की सहायता से संचालन होता है। यह तकनीक पूर्णतया जीपीएस पर आधारित है।

भारत में एएआई व ईएसरो ने मिलकर इस तकनीक को विकसित किया। इससे भारत के साथ पड़ौसी देशों को भी फायदा मिल सकेगा। यह ट्रायल एमओसीए, डीजीसीए, एएआई व इंडिगो के सम्मिलित प्रयास से किया गया।

यह रहे मौजूद

सफल ट्रायल के दौरान टीम के साथ किशनगढ़ एयरपोर्ट निदेशक बी.एस. मीणा, एटीसी प्रभारी अनुराधा सुलानिया, विद्युत निगम से आर.के. मीणा, सिविल प्रभारी खेमराज मीणा, संचार प्रभारी डी.के. मीणा, अग्निशमन प्रभारी पी.वी. खरोडे, टर्मिनल प्रभारी शशिभूषण शर्मा एवं निधि गोयल आदि मौजूद रहे।

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