थाने में युवक को बेरहमी से पीटा और कान में डाला नुकीला तार, पांच पुलिस कर्मियों सहित छह पर मुकदमा
महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में कुछ माह पहले एक युवक को घर से उठाकर थाने लाकर पुलिस ने उसे थर्ड डिग्री दी, जिससे उसके कान के पर्दे फट गए। इस घटना को लेकर मानवाधिकार आयोग ने जांच कराई, जिसके बाद रविवार को एक इंस्पेक्टर और सरपंच के पति समेत छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है
महोबा जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पवा गांव निवासी भारत सिंह नाम के युवक को इस साल 2 अप्रैल को पुलिस चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए उठा ले गई थी। थाने में उसके साथ मारपीट की गई। मानवता को शर्मसार करते हुए पुलिस ने युवक को थर्ड डिग्री दी। और तो और नुकीले तार से उसके कान के पर्दे भी फाड़ डाले गए, जिससे युवक की हालत बिगड़ गई थी। आननफानन उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां हालत नाजुक होने पर युवक को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, लेकिन पुलिस घायल युवक को हैलट कानपुर ले गई थी। इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। युवक बहरा हो गया है। सीओ आरपी राय ने बताया कि इस मामले में पुलिस की मनमानी सामने आने के बाद श्रीनगर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर अनिल कुमार को सस्पेंड किया गया था वहीं चार अन्य पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर जांच के आदेश दिए गए थे।
पुलिस थाने में घायल युवक के जख्मों पर उड़ेली गई थी चाय
बताते हैं कि श्रीनगर थाने में मारपीट के दौरान घायल भारत सिंह को 24 घंटे तक पुलिस ने यातनाएं दी थीं। चोरी के मामले में पूछताछ करने के दौरान पुलिस वालों ने उसे बेरहमी से पीटा गया जिससे उसके गंभीर चोटें आई थी। पीडि़त युवक ने आरोप लगाया कि थाने में पुलिस वालों ने उसके जख्मों पर गर्म चाय उड़ेली थी। इतना ही नहीं नुकीले तार से कान के पर्दे तक फाड़े गए थे। पीड़ित आज भी कान से बहरा है। न्याय न मिलने पर परिजनों ने बताया कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया गया था। जहां से मामले की जांच आदेश दिए गए थे।
मानवाधिकार आयोग ने टीम भेजकर कराई थी प्रकरण की जांच
बताते हैं कि इस घटना की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने एक टीम भेजकर मामले की जांच कराई थी। टीम ने पीड़ित और गांव के लोगों के बयान लिए थे। साथ ही थाने में भी पुलिस कर्मियों से टीम ने पूछताछ की थी। सीओ आरपी राय ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिस पर तत्कालीन इंस्पेक्टर अनिल कुमार, एसआई सुरेन्द्र नाथ, उपेन्द्र, रोहित, राजीव यादव आदि सिपाहियों के अलावा पवा गांव की सरपंच के पति हरिओम राजपूत के खिलाफ 147, 148, 342, 326, 323, 308 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।