उत्तर प्रदेशराज्य

पूर्व कार्यवाहक DGP DS चौहान की बेटी को गिफ्ट में मिली करोड़ों की कोठी के मामले में अब ये पता चला

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी देवेन्द्र सिंह चौहान (Devendra Singh Chauhan) इन दिनों विवादों में हैं। दरअसल, पूर्व डीजीपी की बेटी अंशुमाला चौहान (Anshumala Chauhan) को नोएडा सेक्टर- 15 में करोड़ों की कोठी गिफ्ट में मिली है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व डीजीपी डी.एस.चौहान की बेटी को कोठी गिफ्ट करने वाली अरुणा मोहन (Aruna Mohan) का दो पेज का एफिडेविट भी सामने आया है।

केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की सचिव राधा चौहान (DOPT Secretary Radha Chauhan) का नाम भी इस विवाद से जोड़ा जा रहा है। पूरा मामला गिफ़्ट में मिले जिस नोएडा के एक बंगले को लेकर है उसकी कीमत 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

क्यों है विवाद?

सवाल उठता है कि विवाद किस लिए है? तो जान लें, ये बंगला चौहान परिवार को दान में दिया गया है। देवेन्द्र चौहान और राधा चौहान की बेटी अंशुमाला चौहान के नाम पर ये कोठी है। बंगले का पता है 109, सेक्टर 15A है। अरुणा मोहन ने इस बंगले को अंशुमाला को गिफ्ट में दिया है। 30 नवंबर, 2021 को ये कोठी अंशुमाला के नाम पर ट्रांसफर किया गया है। विवाद इसीलिए खड़ा हो रहा है कि दान देने वाली अरुणा मोहन और चौहान परिवार का कोई खून का रिश्ता नहीं है। बावजूद इतना कीमती बंगला गिफ्ट में दिया जाना किसी के गले नहीं उतर रहा।

बंगला क्यों दिया गिफ्ट, बताई वजह

हालांकि, अरुणा मोहन ने संबंधित कागजात सामने रखे। एफिडेविट में अंशुमाला को बंगला गिफ्ट करने की वजह बताई गई है। उन्होंने कहा, ‘मेरे पति 1963 बैच के सम्मानित आईपीएस अधिकारी रहे हैं। हमारा अंशुमाला से गहरा लगाव उसी वक्त से है, जब वो महज 3 साल की थी। उसके पिता डी.एस. चौहान 1998 में नोएडा के SSP थे। हमने उसको बड़ा होते देखा है। वह हमारे नोएडा में रहने के दौरान परिवार का अभिन्न हिस्सा बनी है। अंशुमाला ने हमेशा मेरा ख्याल रखा। कोरोना के दौरान मेरी ‘ग्रैंड चाइल्ड’ की तरह ख्याल रखा।’

…मेरी कोई संतान नहीं 

अरुणा मोहन ने कहा कि, ‘आज मैं 81 वर्ष की हूं। अंशुमाला मेरे लिए नातिन जैसी है। जब भी मुझे जरूरत थी वो मेरी देखभाल करती रही। अरुणा मोहन ने कोठी गिफ्ट करने की एक और वजह बताई।  एफिडेविट में लिखा है, ‘पति की मौत के बाद मेरी कोई संतान नहीं होने के कारण परिवार के अन्य लोगों के द्वारा कोठी कब्जा करने की भी कोशिश की जाने लगी थी।’

अटकलों का बाजार गर्म

गौरतलब है कि, देवेन्द्र सिंह चौहान दो महीने पहले तक उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी थे। हालांकि, अब वो रिटायर हो चुके हैं। उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का सबसे करीबी अफसर माना जाता रहा है। वे एक समय यूपी के डीजीपी सहित विजिलेंस और इंटेलिजेंस पुलिस के डीजी भी रहे। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चौहान परिवार के करीबियों के हवाले से कहा जा रहा है कि इस पूरे विवाद के पीछे यूपी के ही कुछ आईपीएस अधिकारी हैं। सच क्या है? इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights