अंतर्राष्ट्रीय

ताइवान पर कब्जा करने की लगातार कोशिश में चीन, 38 युद्धक विमान उड़ाकर फिर दी ‘चेतावनी’

विश्व की सबसे बड़ी थलसेना वाला देश चीन (China) छोटे-छोटे ​एशियाई देशों पर धौंस जमा रहा है. चीन ने ताइवान की ओर अपने दर्जनों लड़ाकू विमान और ड्रोन भेजे हैं और उसके एयरस्पेस को बंद करने की कोशिश की है. इसके अलावा 6 जंगी जहाजों को भी मॉनिटरिंग के लिए तैनात कर दिया है.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने आज (शुक्रवार, 28 अप्रैल) को चीनी घुसपैठ के बारे में दुनिया को जानकारी दी. ताइवानी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि इस महीने के शुरुआत में की गई 3 दिनों की मिलिट्री ड्रिल के बाद चीन ने अब फिर से अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन करने भेजा है. ताइवान के मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक मैप के जरिए बताया कि चीन के 19 विमान तो ताइवान के काफी नजदीक तक आ गए थे. मंत्रालय के अनुसार, इन विमानों में 5 रूस से लिए गए सुखोई SU- 30 थे, 2 फोर्थ जेनरेशन वाले शेनयांग J-16 एयरक्राफ्ट, इसके अलावा एक ड्रोन TB-001 भी शामिल था.

​​​​​​​अमेरिकी कंपनियों के कारण बौखलाई जिनपिंग सरकार!

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताइवान के पास से चीन के कुल 38 लड़ाकू विमान गुजरे. जिनमें से ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के 9 विमानों को इंटरसेप्ट किया. डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन ये हरकतें उस घोषणा के बाद कर रहा है, जिसमें ताइवान ने बताया कि अमेरिका की कई डिफेंस कंपनियों के मालिक वहां के दौरे पर आ रहे हैं. उस दौरान अमेरिका की कंपनियां हथियारों के साजो-सामान को लेकर ताइवान की कंपनियों से चर्चा करेंगी. माना जा रहा है कि ताइवान को अमेरिकी हथियार मिलेंगे, इससे चीन बौखला गया है.

अमेरिका पर युद्ध भड़काने का आरोप लगाया

अमेरिका के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स को लेकर चीन के मंत्रालय की ओर से पिछले दिनों कहा गया था कि ये दुनिया में हथियार बेचकर अपने मुनाफे के लिए वॉर टेक्नीक दूसरों को देते हैं. यानी ये हथियार बेचने के लिए युद्ध करवाते हैं. ऐसा ही आरोप अमेरिका पर यूक्रेन को लेकर रूस ने लगाया था.

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