अफगानिस्तान को लेकर इमरान खान की चेतावनी, अलग-थलग करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पड़ेगा भारी
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में अपने मंसूबों पर पानी फिरता देख पाकिस्तान की झल्लाहट फिर सामने आई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग छोड़ने पर उसके दुष्परिणाम होंगे। इमरान पहले भी अफगानिस्तान को लेकर दुनिया पर अपनी खिसियाहट निकाल चुके हैं। उन्होंने यह बात बुधवार को अफगानिस्तान पर शीर्ष समिति की दूसरी बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को उसके हाल पर छोड़ना दुनिया के लिए ‘नुकसानदायक’ साबित होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस बैठक के दौरान इमरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के कमजोर एवं मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने के लिए आगे आने को कहा। जिओ न्यूज ने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि इमरान ने वादा किया है कि वह अफगानिस्तान के लोगों की हर संभव मदद करेंगे और वहां पर मानवीय संकट पैदा नहीं होने देंगे।
इस बैठक में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, गृह मंत्री शेख राशिद, योजना मंत्री असद उमर, वित्त सलाहकार शौकत तरीन, वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद, सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा, एनएसए डॉक्टर मोईद युसूफ और सरकार एवं सेना के अधिकारी शामिल हुए। अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के बाद यह देश मानवीय संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां खाने-पीने एवं चिकित्सा सुविधाओं की कमी हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विश्व खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम दुनिया के देश अफगानिस्तान में राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
प्रधानमंत्री खान ने इस बात पर का भी जिक्र किया कि पाकिस्तान पहले ही अफगानिस्तान को पांच अरब रुपये की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें खाद्य वस्तुएं और आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति शामिल है। वह संकटग्रस्त देश में चिकित्सा सामग्री, सर्दी से बचाव की वस्तुएं एवं गेहूं भेज रहा है।