इमरान खान को हाईकोर्ट से राहत, चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट कोर्ट से अयोग्य करार दिए जा चुके इमरान खान के लिए राहत की भरी खबर है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है. देश के शीर्ष चुनाव निकाय की ओर से इमरान खान को अयोग्य ठहराने के मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणी की.
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने अपनी संपत्ति छिपाने से जुड़े तोशखाना मामले में 70 वर्षीय खान को शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया था. अगले दिन इमरान ने ईसीपी के फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में चुनौती दी. आईएचसी यानी इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि खान को भविष्य में चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है और वह खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में 30 अक्टूबर को चुनाव लड़ने के लिए पात्र हैं.
आईएचसी के प्रशासनिक रजिस्ट्रार की ओर से आपत्ति जताने के बावजूद जब खान के वकील अली जफर ने सुनाई शुरू करने के लिए दबाव बनाया तो आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘इमरान खान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया गया है. इस मामले में जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है.’
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत याचिक पर सुनवाई तब करेगी जब आपत्तियों को दूर कर दिया जायेगा और उन्होंने ईसीपी के फैसले पर भी रोक लगाने से इनकार कर दिया. उन्होंने वकील को निर्देश दिया कि वह याचिका पर आपत्तियों को तीन के अंदर दूर करें. ईसीपी का यह फैसला तब आया जब इमरान खान राजकीय उपहारों की बिक्री की प्रक्रिया का खुलासा करने में नाकाम रहे, जिन्हें उन्होंने तोशखाना से खरीदा था.
वर्ष 1974 में स्थापित तोशखाना विभाग उच्च पदों पर विराजमान लोगों को मिले मूल्यवान उपहारों संग्रह करता है और यह कैबिनेट विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करता है. इमरान खान को गत अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसे उन्होंने अपने खिलाफ अमेरिका नीत साजिश का हिस्सा बताया था. उन्होंने कहा था कि रूस पर उनकी स्वतंत्र विदेशी नीति के फैसले के कारण यह साजिश रची गई थी. इमरान सरकार वर्ष 2018 में सत्ता में आई थी.