हरियाणा

एचएसपीसीबी ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया विंटर एक्शन प्लान, एक अक्तूबर से होगा लागू

हरियाणा।  हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) का सर्दी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार विंटर एक्शन प्लान एक अक्तूबर से लागू हो जाएगा। इसमें ग्रैप-1 भी जारी हो जाएगा। इसमें सड़कों की साफ-सफाई करने, पानी का छिड़काव कर धूल के कणों को दबाने, टूटी सड़कों की मरम्मत व पैचवर्क लगाने के लिए निगमों को निर्देश जारी किए गए हैं।

निर्माण स्थल पर एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल अनिवार्य है। वहीं, खुले में कूड़ा जलाने, होटलों, खुले भोजनालयों में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई है। वहीं प्रदेश में 23 अक्तूबर से 31 जनवरी तक पटाखों के निर्माण, बेचने और खरीदने पर प्रतिबंध रहेगा। ग्रीन पटाखों की छूट है।

सभी उपायुक्तों, निगम आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और प्रदूषण बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों को एक्शन प्लान को सख्ती से लागू कराने का निर्देश दिया गया है। एनसीआर से सटे जिले गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत और पंजाब से साथ लगने वाले जिले सिरसा, कैथल, अंबाला, पंचकूला में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। यहां नियमों का पालना करवाने के लिए एक-एक अतिरिक्त नोडल ऑफिसर की नियुक्ति होगी।

क्या हैं निर्देश

भवन निर्माण संबंधी सूचना प्रदूषण बोर्ड के डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। पांच हजार स्क्वायर मीटर से 10 हजार स्क्वायर मीटर तक के निर्माण के लिए एक एंटी-स्मॉग गन। दस से 15 हजार स्क्वायर मीटर के लिए दो, 15 से 20 हजार स्क्वायर मीटर के लिए तीन और 20 हजार स्क्वायर मीटर से ऊपर के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाने का निर्देश है।

किसान पराली को खेत में दबाकर खाद बनाएं या इंडस्ट्री में बेचे 

एचएसपीसीबी के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने बताया कि सर्दियों की वजह से प्रदूषण के कण का वजन बढ़ने से वे एक जगह इक्ट्ठा होकर नीचे आ जाते है। सभी जिले के पिछले तीन साल के पीएम 2.5 और पीएम 10 के आंकड़ों पर गहनता से जांच की गई। पीएम 2.5 का वार्षिक औसत 62 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है, जो राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) की तय सीमा 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है। वहीं, तीन सालों में पीएम 10 का वार्षिक औसत 132 माइक्रोग्राम रहा है।

एक अक्तूबर से ग्रैप-1 लागू  

ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान(ग्रैप सिस्टम) वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए एक प्रणाली है। यह दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है।

ग्रैप सिस्टम की चार श्रेणियां

श्रेणी 1: एक्यूआई 100-200 (मध्यम)
श्रेणी 2: एक्यूआई 201-300 (खराब)
श्रेणी 3: एक्यूआई 301-400 (ज्यादा खराब)
श्रेणी 4: एक्यूआई 401-500 (खतरनाक)

पहली श्रेणी में पाबंदी 

  • वाहनों को मेंटेंन रखें। पीयूसी सर्टिफिकेट अपडेट रखें। पाॅल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए हाइब्रिड या ईवी व्हीकल को महत्व दें।
  • खुले में वेस्ट या गारबेज न फेंकें। ज्यादा पेड़ लगाएं।
  • ईको फ्रेंडली तरीके से त्योहारों को मनाएं। पटाखे न फोड़ें।
  • 10 साल पुरानी डीजल व 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां का प्रयोग न करें।

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