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प्रयागराज में जावेद पंप के घर पर बुल्डोजर चलाने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दो दिन में मांगा जवाब, 30 को सुनवाई

प्रयागराज में 10 जून को नमाज के बाद हुई हिंसा के आरोपी जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद वाइज मियां की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. अब कोर्ट ने इस मसले पर यूपी की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार से जवाब मांगा है.

अगली सुनवाई 30 जून को

जानकारी के मुताबिक, जावेद पंप की पत्नी ने याचिका में मनमाने तरीके से मकान गिराने का आरोप लगाया है. आरोप है कि मकान खुद उनके नाम था जबकि नोटिस पति जावेद के नाम जारी किया गया था. याचिका में दोबारा मकान बनाकर दिए जाने, कथित तौर पर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. मंगलवार को प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के आरोपी जावेद पंप के घर पर बुलडोजर चलाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से जवाब मांगा है. मंगलवार को बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दाखिल की गई जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अब मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी.

याची के पास रहने के लिए घर नहीं

नगर निगम व राजस्व दस्तावेजों में भी परवीन फातिमा का ही नाम दर्ज है जबकि जुमे की नमाज के बाद वाली घटना के बाद उसे और उसकी बेटी को पुलिस महिला थाने उठा ले गई थी. पुलिस गई और नोटिस चस्पा कर चली आई. उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी भी नहीं हुई. 12 जून को मकान ध्वस्त कर दिया गया. याचिका में कहा गया है कि याची के पास अब रहने के लिए कोई घर नहीं है. वह परिवार के साथ रिश्तेदारों के यहां रहने को मजबूर है. याचिका में न्यायालय से ग्रीष्मावकाश के दौरान ही इस मामले में सुनवाई का अनुरोध किया गया है. हालांकि, परवीन फातिमा की ओर से दाखिल याचिका में मकान का कोई नक्शा दाखिल नहीं किया गया है.

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