उत्तर प्रदेशराज्य

ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आज होगी सुनवाई, जिला जज की अदालत में सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश

वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज से जिला जज कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज से श्रृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं को पूजा का अधिकार देते हुए उन्हें सौंपने की मांग वाली याचिका पर जिला जज के कोर्ट में सुनवाई होगी. असल में पहले इस मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लेकिन इस मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जिला जज कोर्ट में इस मामले को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जहां पर शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है उस जगह में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी.

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को मामले से जुड़ी फाइलें, रिपोर्ट और सबूत जिला जज की अदालत को सौंप दिए गए. जिसके बाद आज से इस मामले की सुनवाई होगी. दरसअल ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट के आदेश पर दो चरणों में पांच दिन तक कोर्ट कमीशन का सर्वे हुआ था और रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी. इस मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और मुकदमे को खारिज करने का अनुरोध किया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जिला जज से कराने के निर्देश दिए था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि जिस जगह पर हिंदू शिवलिंग होने का दावा कर रहा है, उसे संरक्षित किया जाए और मुस्लिम को नमाज से रोका ना जाए.

जानिए क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कहा था कि इस मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन वाराणसी से जिला जज वाराणसी को ट्रांसफर किया जाए और मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि कि 17 मई का हमारा अंतरिम आदेश फैसला सुनाए जाने तक और उसके बाद 8 सप्ताह तक लागू रहेगा ताकि पीड़ित पक्ष जिला जज के आदेश को चुनौती दे सके.

मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से लगा था झटका

असल में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष को पड़ा झटका लगा था. क्योंकि मुस्लिम पक्ष का कहना था कि इस ज्ञानवापी मस्जिद में कराए जा रहे सर्वे को खारिज किया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट को चल रहे मामले को रोक नहीं सकते हैं.

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