ग्रेटर नोएडाग्रेटर नोएडा प्राधिकरणदिल्ली/एनसीआरप्राधिकरण

ग्रेनो प्राधिकरण ने निवास प्रमोटर्स का आवंटन किया निरस्त

–प्रोजेक्ट अधूरा होने और बकाया भुगतान न करने पर की कार्रवाई
–प्राधिकरण का 18 करोड़ रुपये का बकाया भी नहीं दे रहा प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने निवास प्रमोटर्स के सेक्टर-10 स्थित ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन रद्द कर दिया है। प्रोजेक्ट को पूरा न करने और बकाया भुगतान न करने पर प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है। इस भूखंड के सापेक्ष बिल्डर पर करीब 18.68 करोड़ रुपये बकाया था। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद जमा नहीं कर रहा था। प्राधिकरण इस भूखंड को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ प्राधिकरण लगातार कार्रवाई कर रहा है। प्राधिकरण ने अब निवास प्रमोटर्स के सेक्टर-10 स्थित ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन रद्द किया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि सेक्टर 10 का जीएच-वन भूखंड को 2011 में कंसोर्सियम के माध्यम से आवंटित किया गया था। आवंटियों की मांग पर 2012 में इस भूखंड का चार हिस्सों में उप विभाजन किया गया। इस भूखंड का एक हिस्सा जीएच-वन डी को निवास प्रमोटर्स ने खरीदा। 2012 में ही निवास प्रमोटर्स के पक्ष में लीज डीड कर दी गई। बिल्डर को उस समय तक बकाया अतिरिक्त प्रतिकर का भुगतान करने के लिए प्राधिकरण ने नोटिस भेजा। प्रमोटर्स ने अतिरिक्त प्रतिकर का भुगतान नहीं किया। प्राधिकरण की तरफ से कई बार नोटिस भी जारी की गई। प्रमोटर के अनुरोध पर प्राधिकरण ने बकाया पेमेेंट का रि-शेड्यूलमेंट भी किया गया। 2018 में प्रमोटर पर मूल किस्त, रि-शेड्यूलमेंट किस्त और प्रतिकर को मिलाकर करीब 18.69 करोड़ रुपये की देयता हो गई। 2022 तक बिल्डर पर देयता बढ़कर 39.67 करोड़ रुपये हो गई। प्राधिकरण की तरफ से एक बार फिर अंतिम नोटिस जारी की गई। प्रमोटर ने न तो बकाया धनराशि जमा कराई गई और न ही प्रोजेक्ट को पूरा किया गया। एस्क्रो खाता भी नहीं खुलवाया गया, जिसके कारण प्राधिकरण ने अब आवंटन निरस्त कर दिया है। प्राधिकरण इस प्लॉट को शीघ्र ही अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा। उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे।

2. प्रेस विज्ञप्ति–ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण–28-मार्च-2023

-ग्रेनो प्राधिकरण ने 8 बिल्डर भूखंडों की योजना को किया रोल ओवर
-इन भूखंडों के लिए 03 अप्रैल तक करा सकते हैं ऑनलाइन पंजीकरण
-सभी 8 भूखंडों की कीमत रिजर्व प्राइस के आधार पर 738 करोड़ रुपये

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बार फिर बिल्डर भूखंडों की योजना को रोल ओवर कर दिया है। अब इस स्कीम के 8 भूखंडों के लिए 03 अप्रैल तक ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इन 08 भूखंडों के आवंटन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस के आधार पर करीब 738 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन से होगा। इन भूखंडों के आवंटन होने पर 10 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर बिल्डर विभाग की तरफ से दिसंबर में बिल्डर भूखंडों की योजना लांच की गई थी। इस योजना के 3 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन के जरिए आवंटन कर दिया गया। शेष 8 भूखंडों की योजना को रोल ओवर करते हुए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। इसके ब्रोशर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट (http://www.greaternoidaauthority.in) पर उपलब्ध हैं। इनको डाउनलोड किया जा सकता है। इन भूखंडों के लिए एसबीआई पोर्टल (https://etender.sbi) के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट से भी इसका लिंक दिया गया है। इस योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि 03 अप्रैल है। पंजीकरण शुल्क, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपोजिट) और प्रोसेसिंग फीस 05 अप्रैल तक जमा की जा सकती है। डॉक्यूमेंट सबमिट करने की अंतिम तिथि 07 अप्रैल को शाम पांच बजे तक है। आवंटन होते ही इन भूखंडों पर पजेशन भी मिल जाएगा। इस योजना के जरिए 8 भूखंडों के जरिए कुल 1.84 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने की योजना है। ये भूखंड ओमीक्रॉन वन ए, जीटा वन, ईटा टू, सिग्मा थ्री, सेक्टर-36, ओमीक्रॉन वन ए और म्यू में स्थित हैं। ये भूखंड 10120 वर्ग मीटर से लेकर 39321 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। इन सभी 08 भूखंडों के आवंटन होने पर करीब 10 हजार नए फ्लैट बन सकेंगे। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में ग्रीनरी एनसीआर में सबसे अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टीविटी के लिहाज से अन्य शहरों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा बेहतर है। रिहायश के लिए ग्रेटर नोएडा बहुत बेहतर विकल्प है।

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