उत्तराखंड में सभी नवनिर्वाचित विधायकों को सोमवार को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे. प्रोटेम स्पीकर बनाए गए बंशीधर भगत ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजे उत्तराखंड में सभी विधायकों की बैठक होगी. इसके बाद एक-एक कर सभी विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. फिर विधानमंडल दल की बैठक होगी.
सूबे में सरकार के गठन के लिए आज रविवार को विधायक दल की बैठक होने वाली थी. इसे टाल दिया गया है. इसका कारण दिल्ली से आने वाले बुलावे को माना जा रहा है. अब सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी फिर से 4 साल तक सत्ता संभालने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुभव को तवज्जो देगी या एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला करेगी.
क्या होता है प्रोटेम स्पीकर
प्रोटेम स्पीकर उन्हें कहा जाता है, जो चुनाव के बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक संसद या विधानसभा का संचालन करते हैं. ये एक तरह से कार्यवाहक और अस्थायी अध्यक्ष ही प्रोटेम स्पीकर कहलाते हैं. लोकसभा अथवा विधानसभाओं में इनका चुनाव बेहद कम समय के लिए होता है.
आमतौर पर सदन के वरिष्ठतम सदस्य को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है. लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव के ठीक बाद अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के चुनाव से पहले अस्थायी तौर पर वे सदन के संचालन से संबंधित दायित्वों का निर्वहन करते हैं. प्रोटेम स्पीकर तब तक अपने पद पर बने रहते हैं, जब तक सदस्य स्थायी अध्यक्ष का चुनाव न कर लें.
कैसे चुने जाते हैं प्रोटेम स्पीकर
इस पद पर किसी सदस्य के चयन के लिए विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए प्रदेश के राज्यपाल संक्षिप्त सत्र बुलाते हैं. यहां एक तय प्रक्रिया के जरिये प्रोटेम स्पीकर यानी सामयिक अध्यक्ष की नियुक्ति होती है. इसके लिए सदन में इस पद पर बहुमत साबित किया जाता है. फिर प्रोटेम स्पीकर पर चुने गए विधायकों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी होती है. बता दें कि सत्तारूढ़ दल ही विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति करता है.
संविधान में क्या है
संविधान के अनुच्छेद 180 (1) में राज्यपाल को प्रोटेम स्पीकर (सामयिक अध्यक्ष) नियुक्त करने की शक्ति दी गई है. इस अनुच्छेद के अनुसार जब अध्यक्ष की कुर्सी खाली हो जाती है और पद भरने के लिए कोई उपसभापति नहीं होता है, तो कार्यालय के कर्तव्यों को विधानसभा के ऐसे सदस्य द्वारा निष्पादित किया जाता है जिसे राज्यपाल नियुक्त करता है.