विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बावजूद भी कांग्रेस में हार पर रार जारी है। नेता प्रतिपक्ष बनाए की अटकलों के बीच प्रीतम सिंह को ड्रॉप कर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व काबिना मंत्री यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष कुर्सी की अहम जिम्मेदारी दे दी है। चुनाव से ठीक पहले अपने बेटे संजीव के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से सभी चौंका दिया है।
राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर भी शुरू हो गया जब पूर्व नेता प्रतिपक्ष-कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करने पहुंचे। दोनों कदवार नेताओं की मुलाकात के कई राजनैतिक मायने भी निकाले जा रह हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी नहीं मिलने से प्रीतम सिंह कुछ नाराज जरूर हैं।
नेता प्रतिपक्ष पद पर प्रीतम सिंह को दोबारा मौका न दिए जाने से कांग्रेस के एक बड़े वर्ग में नाराजगी है। यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज 0ससी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सुधीर कुमार सुनेहरा ने इस्तीफा दे दिया है। सुनेहरा ने कहा कि प्रीतम से बेहतर नेता प्रतिपक्ष कोई और नहीं हो सकता।
आर्य पहले सत्ता की खातिर भाजपा में चले गए। जब लगा कि कांग्रेस की सरकार आ रही है तो चुनाव से पहले फिर लौट आए। अब नेता प्रतिपक्ष पर पर निष्ठावान प्रीतम की अनदेखी कर दी गई। पूर्व प्रदेश सचिव गिरीश चंद्र पुनेडा ने अपने सोशल मीडिया पेज पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता पर पद बेचने का आरोप लगाया। कहा कि पहले टिकट बेचे गए और अब महत्वपूर्ण दायित्व भी करोड़ों रुपये में बेचे गए हैं। हाईकमान को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद घमासान शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर प्रीतम समर्थकों का गुस्सा तो दिखा ही प्रदेश सचिव नवीन सिंह पयाल ने भी इस्तीफा दे दिया। गिरीश पुनेड़ा ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। नियुक्ति के बाद से शुरू हुआ यह घमासान आने वाले दिनों में अभी और बढ़ सकता है।
पिछली सरकार के साथी अब होंगे आमने -सामने
कांग्रेस की ताजा नियुक्तियों से जून में संभावित बजट सत्र खासा रोचक होने जा रहा है। नेता सदन के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी होंगे, तो विपक्ष के सेनापति के रूप में धामी के पूर्व सहयोगी यशपाल आर्य सामने होंगे। पिछले साल भाजपा छोड़ने की तैयारी कर रहे आर्य को मनाने के लिए धामी सुबह सुबह ही उनके घर पहुंच गए थे।
तब बातचीत में आर्य ने भाजपा न छोड़ने का वादा किया था। नए नए मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी को आर्य की बात से ताकत मिली थी, लेकिन कुछ समय बाद ही आर्य ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। सूत्रों के अनुसार धामी के मन में उस वायदाखिलाफी की कसक आज भी हैं। संयोग से दोनो नेता सदन में नियमित रूप से एक दूसरे के सामने होंगे।