केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग से 6 मजदूरों की मौत, 13 घायल, बिहार के रहने वाले थे चार लोग
पटना. आंध्र प्रदेश की एक केमिकल फैक्ट्री में भीषण हादसा हुआ है. फैक्ट्री में धमाके के बाद आग लग गई. इस हादसे में कुल 6 मजदूरों की मौत हो गई. हादसे में मारे जाने वाले 6 में से 4 मजदूर बिहार के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि केमिकल फैक्ट्री में धमाके के बाद लगी आग की चपेट में आने से मारे गए सभी बिहारवासी नालंदा जिले के रहने वाले हैं. हादसे में मारे गए बिहार के सभी मजदूरों की पहचान कर ली गई है. बताया जा रहा है कि केमिकल फैक्ट्री में पहले तेज धमाका हुआ और उसके बाद आग लग गई. हादसे की वजह एसिड का लीक होना बताया जा रहा है. इससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. घटनास्थल पर काम कर रहे कुछ मजदूर इसकी चपेट में आ गए, जिससे 6 लोगों की मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार, केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आग लगने की घटना में मारे गए बिहार के सभी मजदूरों की पहचान कर ली गई है. ये सभी नालंदा जिले के रहने वाले हैं. हादसे में मारे गए बिहार के 4 मजदूरों में कारु रविदास (गांव नरसंडा, नालंदा), मनोज कुमार (गांव रामसन, नालंदा), सुवास रविदास (गांव नरसंडा, नालंदा) और हबदास रविदास (गांव बसनीमा नालंदा) शामिल हैं. बताया जाता है कि एलुरु की जिस केमिकल फैक्ट्री में हादसा हुआ है, वहां बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं. समाचार एजेंसी ANI को एलुरु के पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने बताया कि केमिकल फैक्ट्री में नाइट्रिक एसिड और मोनोमिथाइल के रिसाव के चलते आग लग गई. इस हादस में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य घायल हो गए हैं. यह फैक्ट्री एलुरु के अक्किरेड्डीगुडम में स्थित है.
मुआवजे का ऐलान
हादसे में घायल 12 लोगों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. फैक्ट्री में एसिड लीक कैसे हुआ, फिलहाल इसकी छानबीन की जा रही है. हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को आंध्र प्रदेश सरकार ने 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. वहीं, गंभीर रूप से घायलों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. हादसे में घायल अन्य लोगों को 2-2 लाख रुपये देने की बात कही गई है.
बिहार के 11 मजदूरों की हो गई थी मौत
कुछ सप्ताह पहले ही तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के भोईगुड़ा में कबाड़ की एक फैक्ट्री और गोदाम में आग लग जाने के कारण 11 मजदूरों की मौत हो गई थी. इसमें बिहार के कुल 11 मजदूरों की मौत हो गई थी. बता दें कि कमाई के चक्कर में बड़ी तादाद में बिहार के लोग अन्य प्रदेशों में जाते हैं. वे वहां मेहनत-मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. इनमें से काफी लोग फैक्ट्रियों में भी काम करते हैं.