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हर तरफ लाश ही लाश नजर आ रही थी… चश्मदीद ने कुछ यूं बताई हादसे की पूरी कहानी

साउथ कोरिया के इटावन में हैलोवीन फेस्टिवल हो रही थी. जहां कुछ समय पहले तक हजारों लोगों की भीड़ उत्साह, उल्लास और उमंग में डूबी हुई थी, वहां चंद मिनटों बाद चीखें सुनाई दे रही थीं. जिन चेहरों पर हंसी थी, अब उन्हीं चेहरों पर अब खौफ था. संगीत की जगह अब एंबुलेंस का सायरन सुनाई दे रहा था. चारों तरफ चीखते-बिलखते लोग थे. जिस जगह पर भीड़ फेस्टिबल सेलिब्रेट करने उमड़ी थी, उसी जगह पर चंद मिनटों के बाद अस्थायी मुर्दाघर बनाया गया है. एजेंसी के मुताबिक मृतकों के शव इस मुर्दाघर में रखे गए हैं, ताकि उनके अपने लोग आएं और शिनाख्त कर सकें.

चश्मदीदों के मुताबिक ये हादसा इतना दर्दनाक था कि उसे बयां करना भी तकलीफ भरा है. क्योंकि हजारों की भीड़ जब उस संकरी गली में घुसी तो कई लोग एक-दूसरे को कुचलते चले गए. लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. कई लोग बेहोश हो गए. भगदड़ में जान बचाने के चक्कर में कई लोगों की जिंदगियां खत्म हो गईं.

हादसे में अब तक 151 लोगों की मौत हो गई है. 82 लोग घायल बताए जा रहे हैं. मरने वालों में 19 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. स्थानीय अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि 2014 में हुए बोट हादसे के बाद यह देश की सबसे बड़ी घटना है.

हादसे के बाद पुलिसकर्मियों ने जहां लोगों को भीड़ से निकालने की कोशिश की तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बेहोश होने वाले लोगों को बचाने के लिए सीपीआर किया. भगदड़ में जिन लोगों की मौत हुई है, उसमें ज्यादातर युवा शामिल हैं. 19 लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है.

समाचार एजेंसी AP के मुताबिक हैलोवीन फेस्टिवल में करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे. दक्षिण कोरिया की सरकार ने कोविड की पाबंदियों में ढील दी थी, और युवाओं के लिए जश्न मनाने का यह पहला बड़ा मौका था.

एजेंसी के मुताबिक सियोल के इटावन में हुए हादसे में करीब 350 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. वहीं अभी तक 151 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 97 महिलाएं, 54 पुरुष शामिल हैं. जबकि 82 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. भगदड़ में मारे गए विदेशियों में ईरान, उज्बेकिस्तान, चीन, नॉर्वे के लोग शामिल हैं.

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने हादसे के बाद सीनियर ऑफिसर्स के साथ एक आपातकालीन बैठक की. इस दौरान उन्होंन घायलों के समुचित इलाज के आदेश दिए. साथ ही आपदा के कारणों की जांच शुरू करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश भी दिए.

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