Rakesh Sachan : लिपिक के प्रार्थना पत्र के बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज मान रही साक्ष्य
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को दोषी करार देने के बाद कथित तौर पर आदेश के कॉपी लेकर जाने के मामले में पुलिस ने तहरीर पर 24 घंटे बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की। न ही मामले में जांच शुरू की। पुलिस अफसरों का दावा है कि छुट्टी की वजह से रविवार को कोर्ट बंद था इसलिए जांच शुरू नहीं की जा सकी।
हालांकि पूरे प्रकरण में पुलिस एक तरह से बैकफुट पर है। भोगनीपुर विधानसभा सीट से विधायक व कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को आर्म्स एक्ट के तहत कोर्ट ने शनिवार को दोषी करार दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले वह कोर्ट से चले गए थे। इस दौरान कोर्ट के पेशकार की तरफ से पुलिस को एक तहरीर दी गई थी।
इसमें आरोप लगाया गया था कि राकेश सचान दस्तावेज लेकर चले गए। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा था कि मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी। 24 घंटे बीतने के बावजूद मामले में न तो कोई जांच शुरू हो सकी और न ही एफआईआर दर्ज की गई।
मुकर गए पुलिस अधिकारी
जब कोर्ट की तरफ से तहरीर दी गई थी तो एक पुलिस अधिकारी ने बातचीत के दौरान कहा था कि जब तहरीर आई है तो केस दर्ज किया ही जाएगा। लेकिन, देर रात पूरा प्रकरण ही बदल गया। पुलिस अफसर पहले जांच कराने का हवाला देने लगे थे।
कई बिंदुओं पर होगी जांच
प्रकरण की जांच एसीपी कोतवाली अशोक कुमार सिंह को सौंपी गई है। जांच के दौरान कोर्ट के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज अहम होंगे। कई बिंदुओं पर जांच भी होगी। जिसमें देखा जाएगा कि सुनवाई के वक्त मंत्री कोर्ट में मौजूद थे या नहीं? कोर्ट परिसर में और कौन कौन लोग मौजूद थे? इस दौरान कोर्ट के कौन कौन कर्मचारी मौजूद थे? क्या कोर्ट ने मंत्री को हिरासत में लेने के आदेश दिए थे या नहीं? आदि बिंदुओं पर तफ्तीश पुलिस करेगी।
रविवार को कोर्ट बंद था। इसलिए जांच शुरू नहीं हो सकी। प्रकरण कोर्ट से संबंधित है तो वहां के कई लोगों के बयान जांच के दौरान लिए जाएंगे। साथ ही अन्य साक्ष्य भी जुटाए जाएंगे। इसलिए जांच सोमवार से शुरू होगी। -आनंद प्रकाश तिवारी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, कानून-व्यवस्था
शासन ने बाकी केसों पर जल्द रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के खिलाफ दर्ज केसों की एक महीने से रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे शासन ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजने के लिए फिर से कहा है। शासन ने पिछले महीने के पहले हफ्ते में प्रशासन को आठ बिंदुओं पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे।
विधि विभाग के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट में डीएम, एसपी और अभियोजन अधिकारी के मत के अलावा सभी मामलों की कोर्ट में स्थिति और केस के कोर्ट में निर्णय रहने की संभावना पर जानकारी मांगी गई थी। अब तक मामले में रिपोर्ट नही भेजी जा सकी और इस बीच कोर्ट ने एक केस में शनिवार को सजा की घोषणा के फैसले को सुरक्षित कर लिया है। ऐेसे में अब बाकी केसों को लेकर कदमताल तेज कर दी गई है।
सूत्रों की मानें, तो सभी संबंधित अधिकारियों को प्रशासन की ओर से जल्द रिपोर्ट व जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा गया है। चूंकि शनिवार को कोर्ट में आदेश की प्रति लेकर भागने को लेकर उठे विवाद के बाद अब मंत्री के मंत्रिमंडल में बने रहने पर ही संशय पैदा हो गया है। ऐसे में अब अधिकारी जानकारी मुहैया कराने पर कितनी रुचि लेते हैं यह देखना होगा।