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नॉमिनी का नाम नहीं होने पर भी आसानी से निकल जाएगा EPF का पैसा, अपनाये ये तरीका

नई दिल्‍ली. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) खाताधारकों को अपने ईपीएफ अकाउंट का नॉमिनी घोषित करने की सलाह देता है. नॉमिनी होने पर ईपीएफ क्‍लेम (EPF claim) पाने में किसी भी तरह की दिक्‍कत नहीं आती और पैसा उस व्‍यक्ति को मिल जाता है, जिसे खाताधारक देना चाहता था. इसलिए ईपीएफ सब्‍सक्राइबर (EPF Subscriber) के लिए नॉमिनेशन करना फायदेमंद होता है. अब ईपीएफओ नॉमिनेशन न करने वाले सब्‍सक्राइबर्स की कुछ सुविधाएं भी बंद कर देता है.

ऐसा भी नहीं है कि अगर किसी ने नॉमिनेशन नहीं कर रखा है तो ईपीएफ खाताधारक की मौत के बाद उसके पैसे परिवार वाले नहीं निकाल सकते. अगर किसी सब्‍सक्राइबर ने अपना नॉमिनी घोषित नहीं किया है तो भी उसके परिवार वाले फार्म 20 भरकर क्‍लेम ले सकते हैं.

किसे मिलेगा पैसा

बिना नॉमिनेशन किए अगर किसी ईपीएफ खाताधारक की मौत हो जाती है तो परिवार के सदस्‍यों को पैसा निकालने के लिए फॉर्म फार्म 20 भरना होता है. ईपीएफओ का नियम है कि अगर सब्सक्राइबर ने नॉमिनेशन नहीं किया है और उसकी मौत हो जाती है तो फिर ईपीएफ में जमा पैसा परिवार के सदस्यों में बराबर-बराबर बांट दिया जाता है.

EPFO इन्‍हें मानता है पारिवारिक सदस्‍य

परिवार के सदस्‍यों में पति या पत्नी, बच्चे (विवाहित या अविवाहित), आश्रित अभिभावक, सब्सक्राइबर के महिला होने पर उसके पति के आश्रित अभिभावक, सब्सक्राइबर के बेटे की विधवा पत्नी और उसके बच्चे शामिल हैं.

भरना होगा फार्म 20

ईपीएफ खाताधारक के परिवार को फार्म पैसा पाने के लिए फॉर्म 20 भरना होगा. इसमें परिवार के उन सदस्‍यों के नाम देने होंगे जो पैसा पाने के हकदार हैं. परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी कंपनी देगी जहां ईपीएफ सब्‍सक्राइबर नौकरी करता था. अगर किसी वजह से कंपनी यह जानकारी नहीं दे सकती तो एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट से परिवार के सदस्‍यों की लिस्‍ट प्रमाणित कराकर जमा करानी होगी. फॉर्म 20 के साथ मृत्‍यु प्रमाण-पत्र और कैंसिल चेक की एक फोटोकॉपी भी लगानी पड़ेगी.

अगर वसीयत है तो लगेगा ज्‍यादा समय

अगर सब्सक्राइबर ने कोई वसीयत बनाई है तो फिर क्‍लेम मिलने में ज्‍यादा समय लग सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि वसीयत का सक्‍सेशन सर्टिफिकेट देना होता है. ऐसा सावधानी के लिए किया जाता है ताकि भविष्य में दूसरा कोई इस तरह का क्लेम नहीं कर सके. इसकी जांच में समय लगता है जिससे क्‍लेम थोड़ा देर से मिलता है.

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