श्रीलंका में ईंधन संकट के बीच कई इलाकों में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा को किया निलंबित
श्रीलंका में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं. ईंधन खत्म होने की वजह से देश के 83 इलाकों में 1990 एम्बुलेंस सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. आलम यह है कि श्रीलंका की कंडीशन ऑउट ऑफ कंट्रोल हो गई है. बता दें कि देश फिलहाल न तो कोई सरकार है और न ही कोई देखभाल करने वाला है. शनिवार को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद दो और मंत्रियों ने रिजाइन कर दिया.
वहीं, 13 जुलाई को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) इस्तीफा देंगे, ऐसा कहा जा रहा है. ऐसे में देश किस तरह गंभीर आर्थिक संकट से उबरेगा, यह कहना काफी मुश्किल है. फिलहाल देश में प्रदर्शन जारी है और यह जारी रहेगा जब तक राष्ट्रपति राजपक्षे का इस्तीफा नहीं हो जाता है. प्रदर्शनकारी अभी भी देश राष्ट्रपति आवास के अंडर डेरा डाले हुए हैं. उधर, श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होगा.
सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है श्रीलंका
गौरतलब है कि श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार में भीषण कमी से निपटने के लिए उसे कम से कम चार अरब डॉलर प्राप्त करने की आवश्यकता है. दो करोड़ से अधिक आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है.
शनिवार को भीड़ ने राष्ट्रपति राजपक्षे के घर पर किया कब्जा, PM आवास में लगा दी आग
गौरतलब है कि कि देश में गहराए आर्थिक संकट से तंग प्रदर्शनकारी लगातार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. शनिवार को यह प्रदर्शन उग्र रूप ले लिया. शनिवार को राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी उनके सरकारी आवास में घुस गए और जमकर हंगामा किया. उनके घर पर कब्जा कर लिया, खूब मौज मस्ती की. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पीएम रानिल विक्रमसिंघे के घर में आग लगा दी. बता दें कि सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में सात सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 45 लोग घायल हो गए.
श्रीलंका में इस तरह की स्थिति उपजने की कई वजहें हैं
बता दें कि श्रीलंका सबसे बड़ा कर्जदार चीन का है. श्रीलंका ने चीन से 5 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज लिया है, जिसे चुकाना फिलहाल के लिए नामुमकिन है. चीन ही नहीं, श्रीलंका अपनी स्थिति से उबरने के लिए भारत समेत कई देशों से कर्ज लिया है. श्रीलंका में इस तरह की स्थिति उपजने की कई वजहें हैं.
- चीन के साथ जाना रणनीतिक भूल
- केंद्रीय सरकार का गलत मैनेजमेंट
- पर्टटन उद्योग का धाराशाई हो जाना
- लो टैक्स रेट और किसानों को रियायत
- 100 फीसदी जैविक खेती का फैसला