ईएमसीटी की सदस्य 77 वर्षीय बुजुर्ग शैलजा बंगाली बनी मिसाल , जिम्स यूनिवर्सिटी में जन सेवा के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए किया अपने शरीर का दान
ईएमसीटी की सदस्य 77 वर्षीय बुजुर्ग शैलजा बंगाली अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत है वह बताती है कि वह सुबह 4 बजे उठ कर (ध्यान करती और शाम को भी) सुबह शाम नियमित सैर, रोजाना सुबह स्ट्रेचिंग और प्राणायाम, नियंत्रित मधुमेह, सुबह ब्रह्माकुमारी में जाती है तथा पिछले 20 साल से अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखती है और उन्होंने मानव समाज कल्याण के लिए अपने शरीर का दान किया है जो कि मेडिकल छात्रों का डिसेक्शन करने के लिए, करीब 4 साल तक उनके शरीर के द्वार 100 से भी ज्यादा मेडिकल छात्र पढ़ाई कर डॉक्टर बनेंगे जिससे भविष्य में हमें भी अच्छे डॉक्टर मिलेंगे। यह दान उन्होंने जिम्स यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा एनाटॉमी विभाग में किया। आज 77 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने बच्चों के साथ अपने जन्म दिवस पर बच्चो के साथ मनाया और बच्चो को बहुत सारी शुभकामनाये दी।
आज उनके साथ गरिमा श्रीवास्तव, रश्मि पाण्डेय , अमित गिरी , प्रिशा श्रीवास्तव, मास्टर संजीव और स्कूल के बच्चे उपस्थित रहे।