आरजी कर मेडिकल कॉलेज- कोर्ट में पेशी पर लाये गए पूर्व प्रिंसिपल को फांसी देने की उठी मांग
भीड़ में से एक व्यक्ति ने की थप्पड़ मारने की कोशिश
सुरक्षा बलों ने भीड़ को किया काबू
8 दिन की CBI कस्टडी में भेजे गये पूर्व प्रिंसिपल व अन्य 3
कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भीड़ में से एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारने की कोशिश की। घटना मंगलवार (3 सितंबर) की है। जब CBI घोष को अलीपुर कोर्ट में पेशी पर लाई थी।
प्रदर्शनकारियों ने घोष को देखकर चोर-चोर के नारे लगाए और फांसी देने की मांग की। हालांकि बाद में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू किया।
कोर्ट ने घोष और अन्य 3 लोगों को 8 दिन की CBI कस्टडी में भेजा दिया है। घोष पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच CBI कर रही है।
घोष को 2 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी, इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी घोष को सस्पेंड कर दिया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। इसके विरोध में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन 26 दिन से जारी है। वे पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
केंद्र का आरोप- आरजी कर अस्पताल में तैनात CISF को बंगाल सरकार सुविधाएं नहीं दे रही
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका लगाई है। केंद्र का आRG Karरोप है कि बंगाल सरकार आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात CISF जवानों को परिवहन और आवास की सुविधा उपलब्ध नहीं करा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त को CISF के 92 जवान आरजी कर की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इनमें 54 महिलाएं भी हैं। इन्हें अपने हथियार रखने की भी जगह नहीं मिली है। केंद्र सरकार के अनुरोध के बाद भी बंगाल सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही।
डॉक्टर बोले- पुलिस हमसे डरी हुई है
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का आरोप है कि पुलिस ने रेप-मर्डर केस की जांच में शुरू से ही लापरवाही की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर गोयल की तस्वीरें हाथ में लेकर उनके इस्तीफे की मांग की। बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद डॉक्टरों ने पुलिस कमिश्नर का पुतला भी जलाया।
धरने पर बैठे एक डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- ‘हमें नहीं पता था कि कोलकाता पुलिस हमसे इतनी डरी हुई है कि हमें रोकने के लिए 9 फीट ऊंचा बैरिकेड लगा देगी। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लालबाजार पहुंचने और कमिश्नर से मिलने की परमिशन नहीं दी जाती। हम तब तक यहीं बैठे रहेंगे।’