केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग घोड़े-खच्चर संचालको की ओर से घोड़े-खच्चरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. स्थिति यह है कि घोड़े-खच्चरों को पकड़-पकड़कर उन्हें सिगरेटट पिलाई जा रही है. यह भी आरोप है कि सिगरेट में नशीला पदार्थ मिलाकर घोड़े-खच्चरों को पिलाया जा रहा है. इन दिनों सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें घोड़ा-खच्चर संचालक पशुओं को नशीले पदार्थ की सिगरेट पिला रहा है. ऐसे में पशुपालन और पुलिस विभाग की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी व पशु कू्ररता अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है.
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए अलग-अलग माध्यम हैं. केदारनाथ धाम की यात्रा एक कठिन यात्रा मानी जाती है. गौरीकुंड तक वाहनों के माध्यम से पहुंचने के बाद तकरीबन 18 किमी की पैदल चढ़ाई को पार करने के लिए पैदल, डंडी-कंडी या घोड़े-खच्चरों के माध्यम से पहुंचा जाता है. यही प्रक्रिया वापसी के समय की भी है. पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ होने वाली क्रूरता की शिकायतें मिलने पर पुलिस के स्तर से थाना चैकियों पर अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें यह देखा जा सकता है कि घोड़ा-खच्चर स्वामी अपने घोडे-खच्चर की नाक द्वारा नशीले पदार्थ की सिगरेट पिला रहा है.
इस संबंध में रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से वीडियो की पड़ताल की गयी. इनमें से एक वीडियो केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्ग के पड़ाव भीमबली से ऊपर छोटी लिनचोली स्थित थारू कैम्प नामक स्थान का होना पाया गया है. इस संबंध में केदारनाथ यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन के लिये स्थानीय जिला प्रशासन के स्तर से नियुक्त किये गये सेक्टर अधिकारी द्वारा दी गयी शिकायत के आधार पर संबंधित घोड़ा संचालक के विरूद्ध आईपीसी व पशु क्रूरता अधिनियम की सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की गयी है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक पंवार ने बताया कि यह कृत्य पशु कुररता के अधीन आता है. घोड़े-खच्चर संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है और उसकी पहचान करवाई जा रही है.