उत्तराखंड से एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. उत्तराखंड के जिले नैनीताल के हल्द्वानी में एक राज्य संरक्षण गृह में रहने वाली 15 साल की नाबालिग लड़की ने अपने साथ रेप होने का आरोप लगाया है. संरक्षण गृह की ही दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दोनों महिलाओं पर आरोप है कि वे लड़की सरंक्षण गृह से बाहर एक घर में ले जाया करती थी, जहां उसके साथ दुष्कर्म होता था.
मामले का पता कैसे चला?
पिछले दिनों एक सीनियर न्यायिक ऑफिसर बाल ने संरक्षण गृह का दौरा किया था. ऑफिसर के दौरे का वक्त उनका ध्यान एक लड़की की तरफ गया जो थोड़ी घहराई हुई लग रही थी, तो शक होने पर उन्होंने लड़की से पूछताछ की जिसके बाद डरी हुई रेप सर्वाइवर लड़की ने पूरी सच्चाई बताई. जब आरोपों की जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए जिसके बाद बाल कल्याण समिति के मेंबर रविंद्र रौतेला ने हल्द्वानी कोतवाली में शुक्रवार रात को बाल संरक्षण गृह की महिला कर्मचारी जिनका दीपा और गंगा बताया जा रहा है उनके खिलाफ रेप और पोक्सो एक्ट (POCSO) के तहत केस दर्ज कराया है.
“मुंह बंद रखने के लिए लड़की को मारा जाता था”
लड़की के आरोपों के अनुसार उसको कई बार बाल संरक्षण गृह से बाहर बने एक मकान में ले जाया गया और हर बार उसके साथ वहा रेप हुआ. इतना ही नहीं किसी के सामने कुछ ना बताने और मुहं बंद रखने के लिए लड़की के साथ मारपीट भी की जाती थी.
एक्शन में सरकार
मामले के तूल पकड़ने के बाद उत्तराखंड की महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने संज्ञान लिया है और दोनों महिला वर्कर्स को बाल संरक्षण गृह से निकाल दिया है. इसके अलावा पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी भी बना दी गई है. मंत्री रेखा आर्या ने कहा है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.