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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस को लेकर लखनऊ में टीम-9 के अधिकारियों के साथ की बैठक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोरोना वायरस को लेकर लखनऊ में टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक की. पांच राज्यों में चुनाव नतीजों के बाद से टीम-9 की ये पहली बैठक थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री संदीप सिंह और मयंकेश्वर सिंह समेत टीम-9 के सभी अधिकारी मौजूद रहे. कोविड प्रबंधन हेतु गठित टीम-9 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है. 29 करोड़ 93 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 78 लाख से अधिक सैम्पल की जांच करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है. 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 354 कोविड मरीज उपचाराधीन हैं. अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत संतोषप्रद है.’

  • प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है. 83% से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 24 लाख पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है. 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 7 लाख 19 हजार बच्चों को टीकाकवर मिल चुका है. इसे जारी रखा जाए. 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण तेज किया जाए.
  • विगत 24 घंटों में 1 लाख 30 हजार कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें मात्र 34 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए. इसी अवधि में 49 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. कोरोना की हार तय है. सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर संचालित रखा जाए. ताकि किसी भी जरूरत पर लोग सीधा संपर्क कर सकें.
  • कोरोना के बीच देश के कई राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी. यह हमारी चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई. एक बार पुनः प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा की जाए. जहां कमी/गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए. यह काम अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए.
  • प्रदेश सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है. इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रेस्पॉन्स टाइम सुनिश्चित किया जाए.
  • हाल ही में कराए गए सीरो सर्विलांस के परिणाम बताते हैं कि तीसरी लहर के बाद लोगों में एंटीबॉडी की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है. वैक्सीनेशन काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है. यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी प्रदेशवासी कोविड टीकाकवर से वंचित न रहे.
  • एग्रेसिव टेस्टिंग और ट्रेसिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबंधन की आज विभिन्न वैश्विक संस्थाएं सराहना कर रही हैं. 2020 मार्च में जब पहला कोविड केस मिला था, तब हमारे पास टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी. हमें एनआईवी पुणे में सैम्पल की जांच करानी पड़ी थी. मरीज को दिल्ली भेज कर भर्ती कराना पड़ा था. आज हमारे सभी 75 जिलों में सैम्पल की जांच हो रही है. हर जिले में अस्पतालों की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार किया गया है. उत्तर प्रदेश में चार संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग किया जा रहा है. इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर, वैक्सीनेशन का क्लस्टर मॉडल, निगरानी समिति जैसे हमारे प्रयास आज चहुंओर सराहना प्राप्त कर रहे हैं.

सीएम योगी ने उच्चाधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

  • समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही तय हो. लेटलतीफी या एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी. कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित माननीय मंत्री द्वारा ही किया जाएगा, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायतार्थ उपस्थित होंगे.
  • प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष गण अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें. कार्यालयों में स्वच्छता, निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए.
  • कोरोना के कारण विगत दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं. भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका. अतः आगामी सत्र की शुरुआत से पूर्व ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है. विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए. एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे.
  • व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के गणवेश आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है. इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आएं.
  • गेहूं खरीद की प्रक्रिया 1 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं. प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना ही चाहिए. सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए. किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो. किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए.
  • प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है. ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाए.
  • प्रतिवर्ष आग लगने के कारण गेहूं की फसल जलने की दुःखद घटनाएं होती हैं. इस संबंध में सुरक्षा के आवश्यक उपाय किये जाने चाहिए. फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने/आग लगने से जलती है तो उसे भी मंडी समिति के माध्यम से नियमानुसार मुआवजा दिया जाए.
  • गर्मी का समय शुरू हो गया है. अतः सभी 75 जिलों में जलापूर्ति की सुविधा का परीक्षण कर लिया जाए. सभी हैंडपंप क्रियाशील रहें. इस हेतु संबंधित विभाग व संस्थाओं द्वारा तत्काल कार्य किया जाए.
  • शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए संचालित ‘हर घर नल योजना’ अंतर्गत पाइपलाइन डाली जा रही है. जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है, वहां बरसात से पहले पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, ताकि लोगों को असुविधा न हो.

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