चिदंबरम ने किया ट्वीट,पीएम मोदी के खिलाफ दिया था बयान
नई दिल्ली। अदाणी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि पहले भी मैं जॉर्ज सोरोस की बातों से सहमत नहीं होता था और आज भी उनकी बातों से सहमत नहीं हूं।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में गुरुवार को सोरोस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजनेस टाइकून और कथित करीबी सहयोगी गौतम अडानी के शेयर संकट से कमजोर हो जाएंगे।
चिदंबरम ने किया ट्वीट
चिदंबरम ने ट्वीट किया, “मैं पहले भी जॉर्ज सोरोस की अधिकांश बातों से सहमत नहीं था और मैं अब भी जो कुछ वो कहते हैं, उससे भी सहमत नहीं हूं, लेकिन उनकी टिप्पणियों से भारत में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास एक बचकाना बयान है।”
‘मोदी सरकार इतनी कमजोर नहीं’
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत की जनता इस बात का फैसला करेगी कि सरकार में कौन रहेगा और कौन बाहर होगा। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मोदी सरकार इतनी कमजोर है कि 92 साल के एक विदेशी नागरिक की बयानबाजी से गिराई जाएगी।” एक अन्य ट्वीट करते हुए चिदंबरम ने कहा, “जॉर्ज सोरोस को अनदेखा करें और नूरील रूबिनी को सुनें। रूबिनी ने चेतावनी दी कि भारत तेजी से बड़े निजी समूहों की ओर से बढ़ हो रहा है, जो संभावित रूप से प्रतिस्पर्धा में बाधा डाल सकता है।”
अपने ट्वीट को जारी रखते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, “उदारीकरण एक खुली, प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की शुरुआत करने के लिए था, मोदी सरकार की नीतियों ने कुलीनतंत्र का निर्माण किया है।”
पीएम मोदी के खिलाफ दिया था बयान
दरअसल, 92 वर्षीय अरबपति जॉर्ज सोरोस ने गुरुवार को एक भाषण में कहा था कि भारतीय व्यवसायी गौतम अदाणी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल ने निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास करना थोड़ा मुश्किल बना दिया है। सोरोस ने कहा था कि पीएम मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे।
जॉर्ज सोरोस ने कहा कि इस हेरफेर से भारत की संघीय सरकार पर मोदी की मजबूत पकड़ काफी कमजोर हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि हो सकता है कि मुझे समझ नहीं हो, लेकिन मैं भारत में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद करता हूं।