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जालसाज अशोक पाठक पर और शिकंजा कसेगी CBI, 45 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

सीबीआई ने लखनऊ के बड़े ठगों में से एक अशोक कुमार पाठक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। वह लंबे समय से फरार चल रहा था। सीबीआई को दो अलग-अलग मामलों में उसकी तलाश थी। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि अशोक पाठक ने दो अलग-अलग मामलों में वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली का जाली हस्ताक्षर बनाकर वक्फ बोर्ड की 57 हेक्टेयर सरकारी जमीन जिसकी कीमत लगभग 45 करोड़ रुपये थी, हड़प ली थी। बाद में अशोक कुमार पाठक ने अलग-अलग लोगों को यह जमीन बेच भी दी थी। दोनों ही मामले उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने 2016 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। दोनों ही मामलों में सीबीआई न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी थी तभी से अशोक कुमार पाठक फरार चल रहा था। बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लखनऊ में सीबीआई न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

अशोक पाठक पर लखनऊ में दर्ज हैं जालसाजी के अनगिनत मामले
अशोक पाठक लखनऊ का माना जाना जालसाज है। उसके खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में जालसाजी के मुकदमे दर्ज हैं। इसमें चिनहट में दर्ज अलग-अलग मामलों में लखनऊ पुलिस ने उसके खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। पाठक गोमतीनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पाठक के खिलाफ लखनऊ के चौक, अमीनाबाद, वजीरगंज, मड़ियांव और सरोजनीनगर थाने में भी केस दर्ज है।

मंदिर से लेकर पुलिस की जमीन तक पर कर लिया था कब्जा
एक समय था जब पुलिस भी अशोक पाठक पर हाथ डालने से घबराती थी। उसने हनुमान मंदिर से लेकर पुलिस विभाग तक की जमीन कब्जा कर रखी थी। सरोजनीनगर में पुलिस ट्रेनिंग की 300 बीघा जमीन पर भी इस जालसाज ने कब्जा कर लिया था।

सरोजनीनगर पुलिस ने इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की थी। वहीं अमीनाबाद स्थित हनुमान मंदिर की जमीन पर भी अशोक पाठक ने कब्जा कर लिया था। बीते दिनों यहां बुल्डोजर से अवैध कब्जे को हटाया गया था।

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