केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने को पीतल बताने वालों के खिलाफ मंगलवार को बीकेटीसी के पदाधिकारियों ने मोर्चा खोला। तो दूसरी ओर, इस मामले में कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए हैं। मामले की जांच की भी मांग की गई है। गर्भगृह में लगे सोने को पीतल बताने को उन्होंने सनातन संस्कृति पर हमला करार दिया।
बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा कि दानदाता ने निस्वार्थ भाव से केदारनाथ मंदिर को स्वर्ण दान किया। इससे गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया। पूरा काम निर्धारित प्रक्रिया से हुआ। बीकेटीसी बैठक में विचार-विमर्श के बाद ही अनुमति दी गई।
सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, राजपाल जड़धारी, भास्कर डिमरी, डॉ. वीरेंद्र असवाल, महेंद्र शर्मा, पुष्कर जोशी, नंदा देवी, रणजीत राणा, जयप्रकाश उनियाल, कृपाराम सेमवाल ने इसे टूलकिट गैंग का दुष्प्रचार करार दिया। कुछ लोग षड्यंत्र के तहत दुष्प्रचार कर रहे हैं कि केदारनाथ गर्भगृह में 230 किलो सोना लगाया गया था, जबकि 23 किलो सोना और लगभग एक हजार किलो तांबा लगा था।
गर्भगृह प्रकरण की जांच कराए सरकार: कापड़ी
कांग्रेस के उपनेता सदन भुवन कापड़ी ने सरकार से केदारनाथ गर्भगृह प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई। कापड़ी ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने का तांबे में बदलने की घटना से पूरे देश में प्रदेश की छवि खराब हुई है। उच्चस्तरीय जांच जरूरी है। उन्होंने गर्भगृह में नोट उड़ाने जैसी घटनाओं पर भी तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
सोने की परत विवाद पर कांग्रेस ने दिया धरना
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में जलेरी में सोने की परत हटने से गुस्साएं कांग्रेसियों ने इस सम्पूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। कांग्रेसियों ने मुख्यालय में उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया।