ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में बिल्डर को दुकानों, खुली पार्किंग, स्कूल बेचने का अधिकार नहीं नेफोमा ने मुख्यमंत्री के नाम सीईओ को दिया ज्ञापन ।
ग्रेटर नोएडा फ्लेट बॉयर्स संस्था नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिह से मिलकर बिल्डरों द्वारा ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में दुकानों, खुली पार्किंग, स्कूल, सर्विस सुविधाओं की चीजों को बेचने के विरोध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन दिया ।
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में प्रमोटर द्वारा सुविधा, सर्विस की दुकानें, खुली पार्किंग, स्कूल जैसे सामान्य क्षेत्र की सुविधाओं के गैरकानूनी आवंटन बिक्री पर समीक्षा, नए कानून की मांग हमने माननीय मुख्यमंत्री से की है बिल्डरों द्वारा यूपी अपार्टमेंट एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है दुकाने, स्कूल, क्लब अन्य जो भी सर्विस में आती हैं प्रमोटर उसको बेच नहीं सकता है उस पर अधिकार आरडब्लूए और एओए का होना चाहिए, इसके लिए नेफोमा ने पहले सीईओ और सांसद महेश शर्मा को भी ज्ञापन दिया था ।
ज्ञापन यह सूचित करना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बिक्रम चटर्जी बनाम भारत संघ में 2017 की रिट याचिका (सी) 940 में 23.07.2019 को सुनाए गए आम्रपाली निर्णय में निम्नानुसार कहा है: –
पैरा 121 -‘यह स्पष्ट है कि धारा 17 के तहत प्रदान किए गए सामान्य क्षेत्रों को अंततः आवंटियों के संघ या सक्षम प्राधिकारी को सौंपना होगा जैसा भी मामला हो। इस प्रकार, रेरा में परिभाषित और अन्यथा आरक्षित सामान्य क्षेत्रों के प्रमोटर द्वारा प्रभावित कोई भी उपपट्टा, अलगाव या स्थानांतरण शून्य और निष्क्रिय होगा।
कृपया यह देखा जा सकता है कि रेरा सेक्शन 2n (अनुलग्नक A-1) में परिभाषित ‘कॉमन एरिया’ यूपी अपार्टमेंट एक्ट-2010 सेक्शन 3(I) में परिभाषित ‘कॉमन एरियाज एंड फैसिलिटीज’ के समान है। (अनुलग्नक ए-2)। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की जरूरत है।
आपके ध्यान में लाया जाता है कि होम बायर्स के अभ्यावेदन पर त्रिपक्षीय उपठेका विलेख (टीएसएलडी) खंड संख्या 6 के मसौदे को जून 2018 को नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन सीईओ एवम चेयरमैन श्री आलोक टंडन द्वारा संशोधित किया गया था, लेकिन समूह आवास विभाग द्वारा मांगे गए (अनुलग्नक ए -3) में संशोधन में “दुकान को छोड़कर” शब्द को गैर कानूनन जोड़ा और कुछ गैरकानूनी खंड भी सम्मिलन किए और बिना किसी चर्चा के दो नए गैरकानूनी खंड संख्या 22 और 25 को सम्मिलित किया। यह एडवोकेट रवींद्र कुमार (अनुलग्नक ए -4) की एक अधूरी और दोषपूर्ण राय पर आधारित था, जिसका 29 जून 2018 को होम बायर द्वारा कड़ा विरोध किया गया था। अधिवक्ता ने पैरा 7 में सुझाव देने के बावजूद, नोएडा प्राधिकरण ने भवन उपनियमों का अध्ययन करने के लिए खुद ही नहीं देखा बिल्डिंग बायलॉज (अनुलग्नक ए-5)। इस प्रकार हम नए सिरे से सही राय के लिए आपसे संपर्क करते हैं।
यह आपके ध्यान में लाया जाता है कि वर्तमान त्रिपक्षीय उपठेका विलेख (टीएसएलडी) जिसे जून 2018 के बाद समूह आवास विभाग द्वारा होमबॉयर, बिल्डर और प्राधिकरण के बीच निष्पादित किया जा रहा है, में ये गैरकानूनी प्रविष्टियां खंड संख्या में शामिल हैं। 6, 22 और 25, जो अपार्टमेंट एक्ट और नोएडा/ग्रेटर नोएडा बिल्डिंग रेगुलेशन-2010 में कानून के खिलाफ हैं और माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत हैं। नोएडा / ग्रेटर नोएडा के सभी घर खरीदारों की ओर से आम्रपाली के घर खरीदारों ने टीएसएलडी में इन सम्मिलनों पर आपत्ति जताई और इसे 2019 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ध्यान में लाया गया।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर, आम्रपाली के कोर्ट रिसीवर ने TSLD के मसौदे को प्रस्तावित और संशोधित कानूनों पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया और विसंगतियों को दूर किया और अंतिम रूप दिया गया, संशोधित आम्रपाली त्रिपक्षीय उपठेका विलेख की प्रति संलग्न है और आम्रपाली में फ्लैटों का पंजीकरण अब 2019 से होमबॉयर, रिसीवर और प्राधिकरण के बीच समूह आवास विभाग द्वारा इस संशोधित मसौदे पर निष्पादित किया जा रहा है। मसौदे को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में और यूपी अपार्टमेंट अधिनियम-2010 की धारा 3(I) (iii), (vii) और (viii) और धारा 24.2.1(4) के अनुरूप अंतिम रूप दिया गया है। नोएडा भवन विनियम-2010 (अनुलग्नक ए-5) की धारा 24.2.1 (5) एवं धारा 24.11 तथा समूह आवास एवं सामूहिक आवास भूखंड के पट्टे के लिए प्लाट के आवंटन के नियम एवं शर्ते, साथ ही माननीय आम्रपाली और नहलचंद लालूचंद बनाम पांचाली सहकारी समिति 2010 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और 2013 के डिजाइनार्च बनाम जीडीए में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले। हमारे इस तर्क के समर्थन में कि 1% सुविधाजनक दुकानों को बिल्डर द्वारा आवंटित या बेचा नहीं जा सकता है, हम एक सारांश प्रस्तुत करते हैं ( आपके अवलोकन के लिए सभी प्रासंगिक दस्तावेजों, कृत्यों और विभिन्न निर्णयों में सभी प्रासंगिक खंडों का अनुलग्नक ए-6)। अब जब हमने आम्रपाली के उपठेका विलेख के बिना आम्रपाली उपठेका विलेख को सार्वभौमिक रूप से अपनाने का अनुरोध किया, बाकी ड्राफ्ट जब आम्रपाली होमबॉयर्स के लिए सही है, तो बाकी होमबॉयर्स के लिए भी सही है क्योंकि सभी होमबॉयर्स उपरोक्त गैरकानूनी सम्मिलन के संबंध में समान हैं ।
टेक्जॉन 4 में हिमालय प्राइड सोसाइटी में तो बेसमेंट में ही 19 शोप बना कर बेच दी गई तथा गोदाम बना कर बेच दिए गए और आपातकालीन रोड को भी कमर्शियल एक्टिविटी के लिए घेर लिया गया तथा C टावर की मेन एंट्रेंस को भी हथिया लिया गया और कमर्शियल टॉयलेट के रूप में बना दिया गया तथा कॉमर्शियल में मिला दिया गया, वह भी 1% FAR के अंदर और इतना ही नहीं कॉमन एरिया में एक टावर खड़ा कर दिया गया उसका नाम दिया गया E टावर जो कि रेरा में भी अंकित नहीं है , तथा ओपन पार्किंग और स्टील पार्किंग के रूप में पूरा कोमन एरिया बेच दिया गया ।