भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम एक दिन बाद ही लड़की छेड़ने वाले बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान था कि मंदिरों में लड़की छेड़ने जाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी की बात ही कही थी। कांग्रेस नेताओं के एतराज पर उन्होंने कहा कि वे मंदिर जाने की मंशा अपने नेता राहुल गांधी से पूछें।
कांग्रेस का आरोप है कि मंगलवार को गौतम ने बयान दिया कि कांग्रेसी मंदिर में लड़कियां छेड़ने जाते हैं। गौतम के इस विवादित बयान की सियासी हलकों में खूब चर्चा रही। बुधवार को गौतम के बयान पर कांग्रेस के एतराज को लेकर प्रश्न पूछा गया तो सफाई दी कि उन्होंने पूर्व में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान और सोच पर टिप्पणी की थी, न कि अपनी निजी राय रखी थी।
उन्होंने विरोध पर आश्चर्य जताया, कहा कि उनकी दिनचर्या और जीवन शैली सनातन है। हमारा पूर्ण विश्वास है कि मंदिर में लोग पवित्र विचार लेकर जाते हैं। उन्हें राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वह मंदिर में गलत उद्देश्यों से नहीं जाते हैं। उन्हें ही शक है कि मंदिर में लोग लड़कियां छेड़ने जाते हैं। कहा कि जो लोग प्रभु श्री राम को नहीं मानते, उनके जन्म स्थान को नहीं जानते। राम सेतु को काल्पनिक बोलते हैं। कोर्ट में हलफ़नामा देते हैं कि राम थे ही नहीं। उनमें मंदिर की पवित्रता का ज्ञान होने की उम्मीद रखना बेमानी है।