निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट ने सोमवार को निलंबित IPS मणिलाल पाटीदार की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जज शालिनी सागर ने सुनवाई के बाद जमानत के लिए दिए गए तर्कों को सुनकर आदेश दिया। भ्रष्टाचार और रंगदारी मांगने के मामले में बंद IPS जेल में बंद है।
रिमांड पर पुलिस कर चुकी है पूछताछ
साल 2022 की 29 अक्टूबर को मणिलाल पाटीदार से पुलिस की टीम ने पूछताछ की थी। 24 घंटे की डिमांड उस्ताद में मणिलाल पाटीदार को महोबा के जिले नगर कोतवाली भी ले जाया गया था। जहां पर पूरे घटनाक्रम को लेकर 3 सदस्य फुल एचडी में मणिलाल पाटीदार से क्रेशर व्यवसाई की हत्या के मामले में हर पहलुओं पर सवाल किए थे।
दो साल से फरार होने के बाद किया था सरेंडर
मणिलाल पाटीदार करीब दो साल से फरार चल रहा था। 15 अक्टूबर को उसने लखनऊ की एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। साल 2020 में महोबा के क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की गोली लगने से मौत हुई थी। गोली लगने से पहले इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक वीडियो वायरल कर एसपी मणिलाल पाटीदार पर ₹5 लाख घूस मांगने का आरोप लगाया था। इंद्रकांत त्रिपाठी के परिवार ने इसे हत्या करार दिया। FIR दर्ज हुई। सरकार ने इस मामले में 3 IPS अफसरों की SIT गठित की थी।
SIT जांच में त्रिपाठी की मौत को तो आत्महत्या बताया, लेकिन महोबा में थानेदारों की ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े खेल की पुष्टि की। जिसके बाद शासन ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। मामले में मणिलाल पाटीदार को 9 सितंबर 2020 को सस्पेंड कर DGP मुख्यालय से अटैच किया गया था, लेकिन IPS मणिलाल पाटीदार डीजीपी मुख्यालय में आमद कराने के बजाय फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एक लाख का इनाम घोषित कर दिया था।