हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पहले पायलट ने ATC से की थी बात, जांच में कारणों का चलेगा पता
अरुणाचल प्रदेश में बीते दिन (21 अक्टूबर) चीन से सटी LAC पर भारतीय सेना का अटैक हेलिकॉप्टर ‘रुद्र’ क्रैश हो गया था. पायलट ने दुर्घटना से पहले ही एटीसी (ATC) को हेलिकॉप्टर में खराबी की सूचना दे दी थी. सेना के मुताबिक, दुर्घटना की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का मुख्य फोकस इसी तकनीकी खराबी पर होगा. दुर्घटना के दौरान हेलिकॉप्टर में सवार चार सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना के वक्त मौसम बिल्कुल साफ था. पायलट को 600 घंटे इस हेलिकॉप्टर को उड़ाने का अनुभव था. पायलट की कुल 1800 घंटों की सर्विस थी. दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर, एएलएच-डब्लूएसआई ‘रूद्र’ साल 2015 में सेना की एविएशन कोर में शामिल हुआ था.
भारतीय सेना के मुताबिक, आर्मी एविएशन कोर का एक ALH-WSI हेलिकॉप्टर सुबह 10.43 बजे अरुणाचल प्रदेश के मिगिंग में क्रैश हो गया. मिगिंग अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले का बेहद ही दूर-दराज का इलाका है, जो तूतिंग के दक्षिण में मौजूद है. इस हेलिकॉप्टर ने असम के लेकाबली मिलिट्री स्टेशन से एक रूटीन-सोर्टी के लिए उड़ान भरी थी.
‘रूद्र’ अटैक रोल वाला हेलिकॉप्टर था
गौरतलब है कि स्वदेशी ALH हेलिकॉप्टर में वैपन लगाने के बाद उसे ALH-WSI यानी वैपन सिस्टम इंटीग्रेटेड नाम दिया गया है. सेना ने इसे ‘रुद्र’ नाम भी दिया है और ये एक कॉम्बेट यानि अटैक रोल हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो पायलट सवार होते हैं. हालांकि, सेना ने आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया कि हेलिकॉप्टर में दोनों पायलट के अलावा भी 3 लोग और मौजूद थे.
एक सैनिक की तलाश जारी
मामले में बताया गया है कि पायलट ने दुर्घटना से पहले ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को एक तकनीकी खराबी के बारे में बताने के लिए कॉल किया था. भारतीय सेना ने दुर्घटना को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की है. सेना का कहना है कि वह शोक संतप्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है. फिलहाल हेलिकॉप्टर में सवार एक सैनिक की तलाश जारी है.