राष्ट्रीय

‘पवार के अडानी से रिश्तों पर सवाल पूछिए?’, राहुल गांधी पर भड़के असम के सीएम ने कहा- हिम्मत है…

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. बुधवार को उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने की चुनौती दे दी. ये बयान उन्होंने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और शरद पवार के बीच हुई बैठक के बाद दिया.

सीएम सरमा ने कहा कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि हम अडानी के दोस्त हैं, लेकिन मैं उन्हें जानता भी नहीं हूं. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को अडानी, अंबानी, टाटा तक पहुंचने में अभी थोड़ा समय लगेगा. लेकिन हम वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने की हिम्मत है?

हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनौती देते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी में शरद पवार के खिलाफ ट्वीट करने की हिम्मत है? क्या वह यह पूछ पाएंगे कि अडानी के साथ पवारजी का क्या संबंध है? असम सीएम ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस सिर्फ सुविधा की राजनीति करते हैं.

गौतम अडानी ने शरद पवार से की मुलाकात

सीएम ने कहा कि राहुल बीजेपी और अडानी पर ट्वीट करते हैं. लेकिन जब गौतम अडानी शरद पवार के घर जाते हैं और 2-3 घंटे बिताते हैं, तो राहुल गांधी ट्वीट क्यों नहीं करते? हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि एनसीपी चीफ हमें शरद पवार के गौतम अडानी से मिलने में कोई परेशानी नहीं है.

राहुल गांधी ने पूर्व कांग्रेसियों पर किया था ट्वीट

दरअसल राहुल गांधी ने हाल ही में एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने हिमंत बिस्वा सरमा, गुलाम नबी आज़ाद सहित कुछ पूर्व कांग्रेसियों के नाम का उल्लेख किया और उन्हें अडानी से जोड़ते हुए लिखा, यह लोग सच्चाई छिपाते हैं, इसलिए हर रोज गुमराह करते हैं. वहीं सरमा ने इस ट्वीट के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने की भी चेतावनी दी थी.

राहुल को अपनी ही ट्वीट पता नहीं: सरमा

रिपब्लिक समिट में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मानहानि के मुकदमे पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि राहुल गांधी खुद अपने ट्विट्स को पोस्ट करते हैं या नहीं. हिमंत ने कहा कि असम में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया था कि राहुल गांधी को शायद यह भी नहीं पता कि उन्होंने क्या ट्वीट किया. किसी ने उनसे ऐसा ट्वीट करवाया.

जेपीसी की मांग के भी खिलाफ थे शरद पवार

अडानी-हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग के बीच, गौतम अडानी ने 20 अप्रैल को शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. वहीं पवार ने जेपीसी जांच की मांग का भी समर्थन नहीं किया था. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की समिति जेपीसी की तुलना में अधिक प्रभावी होगी.

सीएम सरमा ने नीतीश कुमार पर किया तंज

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता पर, सीएम सरमा ने कहा कि नीतीश कुमार पहले यह सोचें कि तेजस्वी के बिना उनके पास कितनी सीटें हैं. समर्थन के बिना तो वह खड़े तक नहीं हो सकते. अगर उन्होंने लोकसभा में 250 सीटों के भीतर बीजेपी को शामिल करने का लक्ष्य रखा है तो इसका मतलब है कि उन्होंने पहले ही हार मान ली है.

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