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सेना का कुक नौकरी के नाम पर कर रहा था ठगी, दो साथियों संग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा है, जो खुद को अधिकारी बताकर नौकरी के नाम पर ठगी करता था. एसटीएफ ने उसके साथ उसके 2 अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया है. ये लोग बेरोजगारों को विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे.

जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त टीम ने लखनऊ के अर्जुनगंज से एक फ्लैट से अजय कुमार तिवारी, चंद्रसेन और विजेंद्र प्रभाकर नाम के आरोपियों को पकड़ा है. अधिकारियों का कहना है कि अजय तिवारी जनवरी 2005 में सेना में कुक के पद पर भर्ती हुआ था. वह डिब्रूगढ़ में तैनात था.

13 साल तक नौकरी करने के बाद वह घर लौट गया. कुछ साल बाद उसका स्थानांतरण लखनऊ हो गया. फिर वह नौकरी ज्वॉइन करने नहीं आया. इसके बाद उसकी मुलाकात विजेंद्र से हुई और ठगी करने की शुरुआत कर दी. विजेंद्र ने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे.

नौकरी के नाम पर जिसे ठगा, उसी को गैंग में शामिल कर लिया

आरोपी चंद्रसेन घटेपुर का रहने वाला है. उसकी मुलाकात अमित उर्फ अभिषेक से हुई. फिर अमित ने चंद्रसेन को विजेंद्र से मिलवाया. अमित और विजेद्र ने चंद्रसेन को पीलीभीत में नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए कहा कि आईटीआई कॉलेज में नौकरी दिलवा देंगे. बातों में आकर चंद्रसेन ने पैसे दे दिए. इसके बाद दो साल तक अमित और विजेंद्र ने कोई जवाब नहीं दिया. जब चंद्रसेन ने पैसे मांगे तो उल्टा उसी को धमकाने लगे. इसके बाद दोनों ने चंद्रसेन को लालच देकर उसे अपनी गैंग में शामिल कर लिया.

इन विभागों में नौकरी का देते थे झांसा

चंद्रसेन, अमित और विजेंद्र तीनों मिलकर बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाने लगे और उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर ठगना शुरू कर दिया. ये आरोपी खुद को न्यायालय, सचिवालय, रेलवे व इनकम टैक्स का अधिकारी बताते थे और बेरोजगारों को इन्हीं विभागों में नौकरी के नाम ठगते थे. आरोपी बेरोजगारों से प्रति नौकरी के नाम पर चार से पांच लाख रुपये लेते थे.

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