ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआरनोएडा

नॉएडा में चल रही मॉकड्रिल के दौरान समय से नहीं पहुंची एंबुलेंस

कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हुए मॉकड्रिल में एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। दादरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर यह स्थिति रही। स्वास्थ्य केंद्र में गंदगी होने पर भी अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की।

सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय, भंगेल, दादरी और बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को कोरोना की तीसरी संभावित लहर की तैयारियों को परखने के लिए माकड्रिल की गई। ओमीक्रोन से पीड़ित मरीज और बच्चों के इलाज को इस दौरान दर्शाया गया। माकड्रिल के दौरान दादरी स्वास्थ्य केंद्र परिसर के साथ ही इलाज के लिए बने कक्ष में गंदगी मिली। मॉक ड्रिल देखने आई टीम ने इससे नाराजगी जताई। साथ ही भविष्य में परिसर और कमरों को स्वच्छ रखने की बात कही। अधिकारियों ने कहा कि मॉक ड्रिल में इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस दौरान संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा सचिन वैश्य ने सभी स्थानों का जायजा लिया। माकड्रिल के दौरान भंगेल सीएचसी में जांच टीम ने आक्सीजन का फ्लो भी देखा गया। साथ ही लाइट बंद कराकर जनरेटर का परीक्षण किया गया। व्यवस्थाएं दुरुस्त पाई गईं। यहां पिछली मॉकड्रिल के दौरान कमियां पाई थीं। जिसे इस बार सुधार लिया गया। भंगेल केंद्र के प्रभारी डॉ. यतेंद्र ने बताया कि बच्चों के वार्ड की माकड्रिल के दौरान यह दिखाया गया कि किस तरह से पॉजिटिव और निगेटिव मरीजों को अलग-अलग वार्ड में शिफ्ट किया गया। कोविड कमांड सेंटर पर कॉल करके अस्पताल के आवंटन प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया। इसके बाद मॉकड्रिल में डॉक्टरों ने मरीज को वार्ड में शिफ्ट करने और उसे इलाज को दिखाया गया। पूरी प्रक्रिया निर्धारित समय से 15 मिनट पहले पूरा कर लिया गया। मॉकड्रिल की रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय में जमा की गई है। भविष्य में भी इलाज सहित अन्य पहलुओं की पूरी तैयारी पर जोर दिया जा रहा है।

मॉकड्रिल में एंबुलेंस से मरीज को लाया जाना था, लेकिन मरीज को लाने में 10 मिनट की देरी हो गई। यह भी दादरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही हुआ। जिसे वहां की तैयारियों को लेकर अधूरा बताया गया। आने वाले दिनों में दादरी में दोबारा मॉकड्रिल होगी। ताकि वहां की कमियों को पूरा किया जा सके। जिला सर्विलांस अधिकारी डा सुनील दोहरे ने बताया कि दादरी को छोड़कर अन्य दो स्वास्थ्य केंद्रों व चाइल्ड पीजीआइ में चिकित्सा सुविधा सही मिली। अस्पताल में आग से बचाव के संसाधन, दवाएं, आक्सीजन प्लांट, जनरेटर चलाने पर उपकरण काम कर रहे थे।

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