उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश को ‘नशा मुक्त’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए हर स्तर पर कार्य योजना बनाकर कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड को 2025 तक मादक पदार्थ से मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए हर स्तर पर कार्य योजना बनाकर काम किये जा रहे हैं.’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में आयोजित बैठक में वर्चुअल रूप से हिस्सा लेते हुए धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी नशा तस्करी को रोकने व इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए कारगर प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर लोगों विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरुकता बढ़ाई जा रही है तो दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभी तक एनडीपीएस अधिनियम के तहत 586 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 742 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रदेश में पिछले साल त्रिस्तरीय मादक पदार्थ रोधी कार्य बल का गठन किया गया है.
धामी ने कहा कि प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य नियमावली को राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है. उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृत्ति को रोकने और नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है. धामी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में नशे की लत वाले लोगों के लिए चार एकीकृत पुनर्वास केंद्र संचालित हैं जबकि नयी दिल्ली स्थित एम्स की सहायता से एक एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी (एटीएफ) का भी संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने उत्तरकाशी, चम्पावत, अल्मोड़ा एवं श्रीनगर में भी एटीएफ के संचालन की स्वीकृति दे दी है जहां मादक पदार्थ का सेवन करने के आदती लोगों का उपचार किया जाएगा.
मादक पदार्थ रोधी क्लब कमेटी का हुआ गठन
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले की शिक्षण संस्थानों में मादक पदार्थ रोधी क्लब कमेटी का गठन किया गया है जिसमें सदस्य के रूप में संस्थान के ही जागरुक विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाचार्य को सम्मिलित किया गया है. धामी ने कहा कि छठी से लेकर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में मादक पदार्थ के विषय को सम्मिलित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को एक प्रस्ताव भेजा है.