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झड़प के बाद भीड़ ने IRB कर्मी के घर में लगा दी आग, की शिविर से हथियार लूटने की कोशिश

हिंसा प्रभावित मणिपुर में मंगलवार को एक बार फिर से संघर्ष की स्थिति देखने को मिली. जहां, के थौबल जिले में इकट्ठा हुई सैकड़ों की भीड़ ने इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) के कैंप पर धावा बोल दिया और वहां रखे हथियारों को लूटने का प्रयास किया. हालांकि, समय रहते सुरक्षा बलों के जवानों ने स्थिति पर काबू पा लिया. इस दौरान जवानों और भीड़ के बीच झड़प भी देखने को मिली जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

घटना को लेकर भारतीय सेना की ओर से एक बयान भी जारी किया गया. जिसमें बताया गया कि सैकड़ों की संख्या में जुटी भीड़ ने सबसे पहले सैनिकों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कें जाम कर दी थी. हालांकि, असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टुकड़ियों की मदद और मिले जुले प्रयास के बाद स्थिति पर कंट्रोल किया गया. बताया जा रहा है कि भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से आंसू गैस के गोले भी दागे गए.

बता दें कि मणिपुर पिछले दो महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है. उग्र हुई भीड़ को काबू करने के लिए राज्य के कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. हिंसा को लेकर राज्य पुलिस ने सोमवार को बयान जारी करते हुए बताया था कि छिटपुट घटनाओं के साथ मणिपुर के कई हिस्सों में स्थिति तनावपूर्ण है. लगातार हो रही हिंसक घटनाओं की वजह से पूरे राज्य में करीब 118 चेक पॉइंट स्थापित किए गए हैं और 326 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

मार्च के दौरान आमने-सामने आए गए थे दो समुदाय

राज्य में तीन मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. मार्च के दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए. दोनों ही तरफ से शहर-शहर आगजनी और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया. हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा के बाद शांति बहाली के लिए कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है.

हिंसा के पीछे की असली वजह

दरअसल, मैतेई समुदाय आरक्षण का लाभ लेने के लिए एसटी दर्जे में शामिल करने की मांग कर रहा है जबकि कुकी और नागा इसका विरोध कर रहे हैं. मैतेई समुदाय का कहना है कि राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन को देखते हुए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब मणिपुर हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश देते हुए मैतेई समुदाय को आरक्षित श्रेणी में शामिल करने के अनुरोध पर विचार करने और केंद्र सरकार के पास सिफारिश भेजने का निर्देश दिया.

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