ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआर

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ः साल 2022 की उपलब्धियां और लक्ष्य

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए साल 2022 कई मायने में बहुत अहम रहा। कई बड़ी परियोजनाएं ग्रेटर नोएडावासियों को समर्पित की गईं। मसलन देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर इसी वर्ष शुरू हुआ। पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव भी इसी वर्ष रखी गई, जिनसे आगामी वर्षों में ग्रेटर नोएडा की अलग पहचान बनेंगी। ऐसी ही कुछ प्रमुख परियोजनाओं पर एक नजर…..

1–ग्रेनोवासियों के घरों तक पहुंचा गंगाजल

ग्रेटर नोएडा में 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पर लंबे समय से काम चल रहा था। इसी साल एक नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका शुभारंभ हुआ और पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा। इस परियोजना पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हुए।

2-देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में

ग्रेटर नोएडा देश में डाटा सेंटर के केंद्र के रूप में उभर रहा है। देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में इसी साल शुरू हुआ है। हीरानंदानी ग्रुप की तरफ से बनाए गए इस डाटा सेंटर का मुख्यमंत्री के हाथों 30 अक्तूबर को शुभारंभ किया गया। यह उत्तर प्रदेश में पहला डाटा सेंटर भी है। नॉलेज पार्क फाइव में 15 अक्तूबर 2020 को करीब 80,961 वर्ग मीटर (20 एकड़) जमीन आवंटित की गई है। इस योट्टा डाटा सेंटर पार्क को बनाने में करीब 7000 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसके अलावा कई और बड़ी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेश के लिए उत्सुक हैं।

3– 261 उद्योगों से 7000 करोड़ निवेश और 11500 को रोजगार

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा में 86 नए उद्योगों को कुल 2.31 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई। इनसे 2000 करोड़ रुपये का निवेश और 3500 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसी वर्ष 175 यूनिट फंक्शनल हुई हैं। इनसे 8000 युवाओं को रोजगार और 5000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस तरह कुल 261 इकाइयों से 11500 युवाओं को रोजगार और 7000 करोड़ का निवेश हुआ है। औद्योगिक विभाग की तरफ से कुल 18 एमओयू किए गए हैं, जिनसे 15678 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। वर्तमान समय में 45 औद्योगिक भूखंडों की योजना निकली हुई है। इसके जरिए 2.42 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी। इनसे करीब 750 करोड़ का निवेश और 2000 युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

4–ग्लोबल इनवेस्टर समिट के लिए एक लाख करोड़ औद्योगिक निवेश के एमओयू का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए फरवरी 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इस समिट में बड़ी भूमिका निभाने के लिए निवेशकों को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक उद्यमियों संग 73 एमओयू कर चुका है। इससे करीब 40 हजार करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश का अनुमान है। सीईओ रितु माहेश्वरी ने प्राधिकरण संपत्ति से जुड़े विभिन्न विभागों को एक लाख करोड़ रुपये के एमओयू कराने का लक्ष्य दिया है। इतने बड़े पैमाने में औद्योगिक निवेश होने से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

5–डाटा सेंटर व वेयर हाउस के केंद्र के रूप में उभर रहा ग्रेनो

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी व अन्य अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल हाल ही में ऑस्ट्रेलिया व सिंगापुर के दौरे पर गया था। इस दौरान उत्तर प्रदेश में लगभग 36 हजार करोड़ रुपये के विदेशी औद्योगिक निवेश के लिए करार हुए हैं और इन कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए इच्छा जताई है। खासकर वेयर हाउसिंग और डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेश करने के उत्सुक हैं। इसका फायदा औद्योगिक निवेश व रोजगार के रूप में 2023 में दिखेगा।

6–प्राधिकरण ने निकाली भूखंडों की योजनाएं

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, आईटी व फ्यूल स्टेशनों के लिए योजनाएं निकाल दी हैं। इससे 2023 में ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार की संभावनाएं बनी हैं। साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति के बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है।

7–आठ नए औद्योगिक सेक्टरों से निवेश व रोजगार के द्वार खुलेंगे

औद्योगिक निवेश बढ़ाने के साथ ही प्राधिकरण जमीन की उपलब्धता पर भी तेजी से काम कर रहा है। उद्योगों के लिए आठ नए सेक्टर बसाए जा रहे हैं। ये सेक्टर ईकोटेक 7, 8, 9, 12ए, 16, 19, 19ए और ईकोटेक 21 हैं। इन सेक्टरों के लिए प्राधिकरण करीब 900 हेक्टेयर जमीन का इंतजाम में जुटा है। इन सेक्टरों के बसने से उद्यमियों को जमीन मिल सकेगी। इससे करोड़ो रुपये का निवेश और हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

7–इस साल ग्रेनो में हुआ 109 करोड़ का वाणिज्यिक निवेश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वाणिज्यिक संपत्तियों में इस साल लगभग 109 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। 4 वाणिज्यिक भूखंड, 11 मिल्क एवं वैजिटेबल बूथ, नौ दुकानें व 16 क्योस्क के जरिए ये निवेश हुए हैं। इनमें कुल 12,800 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किए गए हैं। वर्तमान समय में 26 वाणिज्यिक भूखंड व 6 फ्यूल स्टेशनों के लिए भूखंड की योजना निकाली गई है।

8 –2022 में 06 हजार फ्लैट खरीदारों को मिला आशियाना

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डर विभाग की तरफ से करीब 6 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री कराई गई। हाल ही में संपन्न बोर्ड बैठक में खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से कई अहम फैसले हुए हैं, जिससे साल 2023 में 25 से 30 हजार फ्लैट खरीदारों को पजेशन मिलने की उम्मीद है। वहीं, साल बिल्डरों से बकाया धनराशि के रूप में करीब 572 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। ग्लोबल इनवेस्टर समिट के लिए अब तक 30 एमओयू साइन हुए हैं, जिनसे आने वाले दिनों में करीब 15000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।

9–ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण का दफ्तर

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को अगले साल बड़ी सौगात मिलने वाली है। प्राधिकरण का दूसरा स्थायी दफ्तर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है। टेकजोन फोर स्थित इस ऑफिस को बनाने के लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें एसीईओ स्तर के अधिकारी स्थायी रूप में बैठेंगे। इस दफ्तर को बनाने में करीब 2.25 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसमें सीईओ व एसीईओ का दफ्तर, मीटिंग व वेटिंग रूम, तीन केबिन, रिकॉर्ड रूम और ट्वॉयलेट ब्लॉक बन रहे हैं। यह साइट ऑफिस करीब 1100 वर्ग मीटर में बन रहा।

10– स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटों से रोशन हुई ग्रेनो की सड़कें

साल 2022 में ही ग्रेटर नोएडा की सभी 54 हजार स्ट्रीट लाइटों को स्मार्ट एलईडी लाइट में कनवर्ट कर दिया गया। एलईडी लाइटों के लगने से सड़कों पर रोशनी बेहतर हुई है। आने वाले दिनों में एलईडी स्ट्रीट लाइटों को ऑटोमेशन मोड पर चलाया जाएगा। स्ट्रीट लाइटों को सुबह-शाम समय से जलाने-बुझाने के लिए एक नियंत्रण कक्ष होगा। स्ट्रीट लाइटें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीआईएस से जुड़ी होंगी, जिससे स्ट्रीट लाइट न जलने की सूचना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक पहुंच जाएगी। एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा की भी बचत हुई है। बिजली का बिल भी आधा हो गया है। पहले साल भर में करीब 30 मिलियन यूनिट बिजली खर्च होती है। अब 15 मिलियन यूनिट ही खर्च हो रही है।

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