कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। उन्हें पार्टी के शीर्ष नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बाली ने कहा कि आप पार्टी का परिवार प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है और केजरीवाल की नीतियों को लोग समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जोत सिंह बिष्ट द्वारा आप पार्टी का दामन थामने से जहां एक ओर आप पार्टी मजबूत होगी, वहीं उनके सालों के तजुर्बे से पार्टी को नई ताकत मिलेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है, जिस पर सवार होना डूबने के समान है और जोत सिंह बिष्ट एक सुलझे नेता हैं, जिनका प्रदेश के प्रति एक गहरा विजन है। उन्होंने आप पार्टी का दामन थामकर प्रदेश के लिए अपनी सोच उजागर की है। उन्होंने कहा कि आज देहरादून स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया और जोत सिंह बिष्ट पहुंचेंगे, जहां उनका स्वागत होगा और इसके बाद वे मीडिया से रूबरू होंगे।
व्यक्तिगत हितों के लिए संघर्ष कर रहे शीर्ष कांग्रेसी : बिष्ट
कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व कर रहे लोग व्यक्तिगत हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पार्टी में लंबे समय से चल रहे अंतर्कलह, अनुशासनहीनता, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी व एक तरफा फैसलों के चलते पार्टी का भविष्य अनिश्चितता की ओर जा रहा है। यही वजह है कि वह राजनीतिक जीवन के 40 वर्षों का सफर तय कर दुखी मन से कांग्रेस छोड़ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ने अपनी फेसबुक पोस्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, हरीश रावत, यशपाल आर्य, करन माहरा, प्रीतम सिंह चौहान एवं उत्तराखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ, कनिष्ठ सहयोगियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इनके स्नेह एवं सहयोग से अपने राजनीतिक जीवन के 40 वर्षों का सफर तय किया है। जिन्हें वह दु:खी मन से सूचित कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से चल रहे अंतर्कलह, अनुशासनहीनता, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी व एक तरफा फैसलों के चलते पार्टी का भविष्य अनिश्चितता की ओर जा रहा है।
जोत सिंह बिष्ट का पार्टी छोड़ने का फैसले दुर्भाग्यपूर्ण : धीरेंद्र प्रताप
नेतृत्व की पांत में बैठे लोग हार के बाद भी सबक लेने के बजाय व्यक्तिगत हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसमें उन्हें अब दूर-दूर तक सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है, इसलिए किसी पर किसी प्रकार का व्यक्तिगत आरोप न लगाकर एवं कोई व्यक्तिगत दुर्भावना रखे बिना वह कांग्रेस पार्टी के सभी पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के फैसले को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिष्ट को कांग्रेस ने पूरा सम्मान दिया, लेकिन लगता है कि कांग्रेस के आपसी विवादों से दुखी होकर उन्होंने पार्टी को छोड़ देना मुनासिब समझा। उन्होंने स्वीकारा कि जोत सिंह बिष्ट जैसे मेहनती नेताओं के जाने से पार्टी कमजोर होती है। जिस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।