97 वर्षीय नाजी टाइपिस्ट को 10,505 हत्याओं में शामिल होने के लिए ठहराया गया दोषी
अगर कोई आपसे कहे कि 97 साल की एक महिला को 10,505 हत्याओं का दोषी ठहराया गया है, तो आप शायद चौंक जाएंगे. आप हैरान रह जाएंगे कि इस उम्र में कोई इतनी हत्याएं कैसे कर सकता है. जर्मनी से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां नाजी एकाग्रता शिविर सचिव के रूप में काम करने वाली एक 97 वर्षीय महिला को हजारों लोगों की हत्या में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया है.
दरअसल, यह बुजुर्ग महिला कोई आम महिला नहीं, बल्कि नाजी कैंप में तैनात और हिटलर की टाइपिस्ट इरमगार्ड फॉर्चनर (Irmgard Forchner) है, जिसे हाल ही में 10505 हत्या का दोषी ठहराया गया है. 1943 से 1945 में नाजी शासन के अंत तक नाजी के कब्जे वाले पोलैंड में ग्दान्स्क के पास स्टुट्थोफ़ कैंप में इरमगार्ड ने एक आशुलिपिक (Stenographer) और टाइपिस्ट के रूप में काम किया.
कौन हैं इर्मगार्ड फॉर्चनर
इरमगार्ड फॉर्चनर नाजी सेना में पूर्व सचिव थी. जब उसे हिरासत में लिया गया तब वह किशोरी थी. वह नाजी अपराधों के लिए दोषी ठहराई जाने वाली पहली महिला है. गिरफ्तारी के समय वह स्टीनहॉफ में थीं. रिपोर्ट के मुताबिक 1943 से 1945 तक उसने यहां टाइपिस्ट के तौर पर काम किया. इरमगार्ड को कोर्ट ने दो साल की निलंबित जेल की सजा सुनाई थी.
हालांकि, वह नाजी सेना में एक सैनिक के रूप में सेवा नहीं करती थी और उसकी सेवाएं एक नागरिक कार्यकर्ता के रूप में थीं, लेकिन उसके मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि भले ही वह एक नागरिक कार्यकर्ता थी, लेकिन उसे इसके बारे में पूरी जानकारी थी कि शिविर में क्या चल रहा था.
लोग गैस चैंबर में मारे गए
रिपोर्ट के मुताबिक, जून 1944 के आसपास स्टैमथॉफ कैंप में 65 हजार लोग मारे गए थे. स्टेथोफ शिविर में मरने वालों की डेथ सर्टिफिकेट पर इरमगार्ड मुहर लगाती थी. मरने वालों में कुछ गैर-यहूदी कैदी थे और कुछ सोवियत सैनिक थे. गिरफ्तारी के समय इरमगार्ड की उम्र 18-19 साल थी. उसका ट्रायल स्पेशल जुवेनाइल कोर्ट में चला. रिपोर्टों से पता चलता है कि कैदियों को मारने के लिए स्टेथोफ कैंप में गैस चैंबर भी बनाए गए थे. इरमगार्ड ने ट्रायल शुरू होने के 40 दिन बाद कोर्ट में कहा कि ‘जो हुआ उसके लिए वह माफी मांगती हैं. आज तक उन्हें खेद है कि वह उस समय स्टे स्टाफ में थी.